होली से पहले ही बरसा रंग-कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल
नई दिल्ली। तकरीबन 2 साल से कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन जैसी पाबंदियों से जूझ रहे लोगों को छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने राहत की बौछारें करते हुए होली से पहले ही बजट में की गई राहत भरी घोषणाओं से सराबोर कर दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्य के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को भी बहाल किए जाने का ऐलान किया है। आमजन को भी राहत देते हुए राज्य में कोई नया कर नहीं लगाया गया है।
बुधवार को छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपना चतुर्थ बजट पेश किया है। पिछले तकरीबन 2 साल से कोविड-19 के संक्रमण एवं उसे थामने के लिए लगाए गए लॉकडाउन जैसी पाबंदियों से जूझ रहे प्रदेश के हर वर्ग को मुख्यमंत्री से बजट में राहत की उम्मीदें लगी हुई थी। लोगों की उम्मीदों के ऊपर खरा उतरते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से बजट में राज्य के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली का ऐलान किया गया है। इसके लिए कर्मचारी लंबे समय से मांग कर रहे थे। आम नागरिकों को राहत देते हुए सरकार की ओर से राज्य में कोई नया कर नहीं लगाया गया है। टैक्स बढ़ोतरी पर सुझाव देने के लिए वित्त विभाग में नया सेल बनाने की घोषणा की गई है।
बजट पेश करने के बाद फिलहाल विधानसभा को बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री की ओर से बजट में 14 हजार 600 करोड़ के घाटे की बात कही गई है। शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में भी बढ़ोतरी किए जाने का ऐलान सरकार की ओर से किया गया है, वह बात अलग है कि मानदेय में बढ़ोतरी का लाभ शासकीय अधिवक्ताओं को अगले साल से मिलेगा। बजट में प्रदेश के भीतर चेन्नई तहसीलें बनाने की भी घोषणा की गई है। विश्व मंगल कामना के साथ यजुर्वेद के श्लोक से विधानसभा में बजट पेश कर रहे मुख्यमंत्री की ओर से अपने भाषण की शुरुआत की गई।