बोली प्रियंका- भाजपा के दबाव में चुनाव आयोग- रूल बुक में निष्पक्षता नही

बोली प्रियंका- भाजपा के दबाव में चुनाव आयोग- रूल बुक में निष्पक्षता नही

नई दिल्ली। भाजपा नेता और असम सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री हेमंत बिस्व सरमा को चुनाव आयोग से बड़ी राहत हासिल हुई है। चुनाव आयोग ने शनिवार को सरमा के चुनाव प्रचार करने पर लगाए गए 48 घंटे के प्रतिबंध की अवधि को घटाकर 24 घंटे कर दिया है। चुनाव आयोग के इस निर्णय पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया है कि आखिर किस के दबाव में धमकी देने वाले भाजपा नेता के प्रतिबंध को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे किया गया है।

शनिवार को भाजपा नेता और असम सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री हेमंत बिस्व सरमा को चुनाव आयोग ने बड़ी राहत प्रदान करते हुए उनके ऊपर लगाए गए 48 घंटे के प्रतिबंध की अवधि को घटाकर 24 घंटे कर दिया है। चुनाव आयोग के पैनल ने यह फैसला हेमंत बिस्व सरमा की ओर से मॉडल कोड के प्रावधानों का पूरी तरह से पालन करने के आश्वासन के बाद लिया है। हेमंत बिस्व सरमा पर बीपीएफ अध्यक्ष हग्रामा मोहिलारी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए जाने के मामले को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को उनके चुनाव प्रचार करने पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया था। चुनाव आयोग ने अपने आदेशों के तहत कहा था कि आयोग हेमंत बिस्व सरमा के बयानों की कड़ी शब्दों में निंदा करता है।

आयोग ने 2 अप्रैल को तत्काल प्रभाव से 48 घंटे के लिए उनके किसी भी सार्वजनिक सभा को संबोधित करने, सार्वजनिक जुलूस निकालने, रोड शो व साक्षात्कार देने और मीडिया में सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगा दी थी। उधर चुनाव आयोग द्वारा सुनाये गए इस निर्णय के तुरंत बाद ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए कहा है कि हम चुनाव आयोग से भाजपा नेता की गाड़ी में मिली ईवीएम मामले में कड़ी कार्यवाही किए जाने का इंतजार कर ही रहे थे कि आयोग ने एक और ऐसा कदम उठाया है जिससे लग रहा है कि उसने अपनी रूलबुक से निष्पक्षता वाला पेज ही फाड़कर फेंक दिया है? उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर किस दबाव में धमकी देने वाले भाजपा नेता के प्रतिबंध को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे किया गया है?

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