इस बार नहीं छाएगा दिल्ली में धुंआ!

इस बार नहीं छाएगा दिल्ली में धुंआ!

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच एक सुखद खबर यह मिली है कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल इस बार सर्दियों में दिल्ली पर धुएं की चादर नहीं आने देंगे। ध्यान देने की बात है कि पिछले वर्ष नवम्बर में बाल दिवस मनाने से पहले ही स्कूलों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया था। उस समय बच्चों ने धुएं के प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा था। इन्हीं सब बातों को देखते हुए इस बार सर्दियों से पहले ही मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली को धुएं और धुंध से बचाने का ठोस प्रयास शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट भी इस बार सरकार को पहले से ही चेता रहा है। गत माह (4 अगस्त 2020) को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आश्वासन दिया है कि स्माग टावर परियोजना पर काम शीघ्र ही शुरू हो जाएगा। एनबीसीसी इन टावरों का निर्माण करेगी और आईआईटी बाम्बे इन टावरों की देखरेख करेगी। इसके अलावा पराली को गलाकर खाद बनाने वाला केमिकल भी तैयार है जिसका छिड़काव पराली पर कराया जाएगा। धूल उड़ने से भी प्रदूषण फैलता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार एंटी डस्ट कैम्पेन शुरू कर रही है। इस प्रकार उम्मीद है कि इस बार सर्दी में दिल्ली की जनता को सांस लेने में कोई परेशानी नहीं होगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गत 5 अक्टूबर को हर साल ठंड का मौसम शुरू होने से पहले ही दिल्ली में बढ़ जाने वाले वायु प्रदूषण और धुंध की समस्या को लेकर एक डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने इस दौरान दिल्ली सरकार के नए कैंपेन युद्ध प्रदूषण के विरुद्धश् कैंपेन की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल प्रदूषण हमारे लिए जानलेवा हो सकता है क्योंकि कोरोना फैला हुआ है। हमने बहुत काम किया लेकिन हमें संतुष्ट नहीं होना है। इस कोरोना के साल में हमको अपने बच्चों के लिए प्रदूषण कम करना होगा। आज से हम प्रदूषण के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं। युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध नाम से कैंपेन शुरू कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, पिछले 5 सालों में दिल्ली में सबने मिलकर प्रदूषण बढ़ने नहीं दिया। हमारे यहां ट्रैफिक भी बढ़ा और इंडस्ट्रियल एक्टिविटी, इकोनामिक एक्टिविटी भी बढ़ी लेकिन दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बजाय कम हुआ है। दिल्ली में 2014 से 2019 तक प्रदूषण में 25 फीसदी की कमी आई है। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी पहले ही लॉन्च कर दी है जो देश ही नहीं दुनिया की सबसे बढ़िया पॉलिसी है।

अपने कैंपेन को लेकर उन्होंने कहा कि उन्होंने आज ही सभी विभागों के साथ मीटिंग की है और सभी विभाग इस युद्ध में शामिल होंगे। इसमें तीनों नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, ट्रांसपोर्ट विभाग वगैरह सब शामिल हैं।

पराली जलाने से उठे धुएं की समस्या पर केजरीवाल ने कहा, हर साल पराली की समस्या से हम लोग जूझते हैं। इस साल पूसा इंस्टीट्यूट ने पराली का एक बहुत सस्ता और सरल उपाय ढूंढा है। उन्होंने एक घोल बनाया है, पराली के ऊपर उसको छिड़कने से उसका डंठल गल जाता है और वह खाद बन जाती है। दिल्ली में हम लोग खुद छिड़काव करवाएंगे और अगर इस साल यह सफल होता है तो आसपास के राज्यों से आने वाले समय में कहेंगे। कल घोल बनना शुरू होगा और मैं देखने जाऊंगा।

उन्होंने कहा, आसपास के राज्यों से मेरी हाथ जोड़कर अपील है कि अगर हवा खराब होती है तो हवा यह नहीं देखती कि यह हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की हवा खराब है। हवा तो बहती रहती है। प्रदूषण

इधर से उधर होता रहता है। किसान खुद पराली जलाकर परेशान हैं। आसपास के राज्य कोशिश करें कि पराली जलाने का सिलसिला बंद हो, इसका रास्ता निकालें जैसे हमने निकाला।

वहीं उड़ती धूल से निपटने की कोशिश पर उन्होंने बताया कि मिट्टी के उड़ने से प्रदूषण होता है तो उसको रोकने के लिए एंटी डस्ट कैंपेन शुरू कर रहे हैं। कहीं पर भी डस्ट उड़ती देखेंगे तो उनका चालान किया जाएगा। मैकेनिकल स्वीपिंग कराई जाएगी। सड़कों में गड्ढे ठीक कराए जाएंगे। एन्टी स्मॉग गन बड़े स्तर पर जगह-जगह लगाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि 13 पॉइंट (हॉटस्पॉट) ऐसे हैं पूरी दिल्ली में जहां पर प्रदूषण ज्यादा है। उनकी पहचान की गई है। इनके लिए अलग-अलग कार्यक्रम बनाए गए हैं, ये देखते हुए कि वहां ज्यादा प्रदूषण क्यों है।

दिल्ली सरकार इसके लिए ग्रीन दिल्ली नाम से एक ऐप भी बना रही है। अरविंद केजरीवाल ने कहा जहां पर भी आपको कोई प्रदूषण फैलाता हुआ नजर आए तो आप उसकी फोटो खींचकर उस ऐप पर डाल दीजिए और एक तय सीमा में उस पर कार्रवाई की जाएगी। रोजाना की शिकायतों की मेरे पास रिपोर्ट आएगी कि कितनों पर कार्रवाई हुई और कितनों पर नहीं हुई। इस पूरे काम के लिए एक वॉर रूम भी हम बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार पौधारोपण के लिए नई नीति बना रही है। अभी तक नीति थी कि एक पेड़ काटने के बदले में 10 पौधे लगाए जाएंगे लेकिन अगले एक हफ्ते से 10 दिन के अंदर नई पॉलिसी लाई जाएगी, जिसके तहत अगर कोई एजेंसी पेड़ काटती है तो उसको 80 फीसदी पेड़ दूसरी जगह लगाने पड़ेंगे जिससे कि पेड़ कम नहीं होंगे।

सुप्रीम कोर्ट में आज दिल्ली के वायु प्रदूषण मामले पर सुनवाई हुई। जहां कोर्ट को बताया गया कि स्मॉग टॉवर परियोजना का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा और 10 महीने में इसे पूरा कर लिया जाएगा। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया है कि आईआईटी बॉम्बे स्मॉग टॉवर परियोजना की देखरेख करेगा। एनबीसीसी इसका निर्माण करेगा और टाटा स्थापना को देखेगा। इसमें 10 महीने लगेंगे और अब फाउंडेशन का काम शुरू हो जाएगा। इससे पहले शीर्ष अदालत ने संकेत दिया था कि अगर वे स्मॉग टॉवर परियोजना से बाहर निकलते हैं तो अदालत आईआईटी बॉम्बे के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करेगी।

पिछली सुनवाई ने सुप्रीम कोर्ट ने स्माग टावर न लगने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा कि आदेश के बावजूद अभी तक टावर क्यों नहीं लगे हैं। नाराज जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा था कि हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। आपको हमारे सभी प्रश्नों का उत्तर देना होगा। हम इस ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारे पास बहुत सारे सवाल हैं। उस सभी का जवाब एक हलफनामे से देना होगा। जब हमने इसे 3 महीने के भीतर पूरा करने को कहा तो फिर इसका अनुपालन क्यों नहीं किया गया? (हिफी)

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