1 साल तक नहीं होगी रिहाई- मौलवी पर लगा NSA

गाजियाबाद। धर्मानांतरण गैंग चलाते हुए एक नाबालिक जैन लड़के का ब्रेनवास करने के बाद उसे नमाज पढ़ने और धर्मांतरण की तरफ धकेलने वाले पूर्व मौलवी और उस के साथी के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी रासुका लगाया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के रासुका बोर्ड ने मौलवी पर लगी रासुका को अपनी मंजूरी दे दी है। बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार के रासुका बोर्ड की ओर से गाजियाबाद की मस्जिद के पूर्व मौलवी अब्दुल रहमान पर लगाई गये राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम अर्थात रासुका को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। रासुका लगने के बाद अब जेल में बंद मौलवी अब्दुल रहमान अगले 1 साल तक जेल की सलाखों से बाहर नहीं निकल पाएगा।
दर असल पुलिस द्वारा ऑनलाइन धर्मानांतरण के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजे गए मुंबई के खान शाहनवाज मकसूद उर्फ बद्दो और गाजियाबाद की मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान पर रासुका लगाई गई थी। मौलवी पर आरोप है कि जिम जाने के नाम पर घर से निकलने वाला जैन परिवार का नाबालिक बेटा मस्जिद में पहुंचकर पांच समय की नमाज पढ़ने जाता था। शक होने पर परिवारजनों द्वारा उसके मोबाइल की जांच किए जाने पर पता चला कि वह मुंबई के बद्दो नामक व्यक्ति के संपर्क में था और वह जाकिर नाइक से भी प्रभावित है।

पुलिस ने इस मामले में मुंबई के खान शाहनवाज मकसूद उर्फ बददो तथा गाजियाबाद की मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान पर एफ आई आर दर्ज की थी। इस मामले में अब्दुल रहमान को पुलिस द्वारा 4 जून तथा मुंबई के शहनवाज मकसूद और बंधुओं को 11 जून को दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोपियों से हुई पूछताछ में इस बात का खुलासा हो चुका है कि फरीदाबाद, गाजियाबाद और चंडीगढ़ के चार नाबालिग बच्चों को भी यह दोनों धर्मांतरण की तरफ ले जा चुके थे।