कैसे मां-बाप, नवजात बच्ची को जंगल में दिया फेंक- बुजुर्ग की सूचना पर...
कानपुर। जिले के थाना साढ़ इलाके के एक गांव में बच्ची झाड़ियों में रोती हुई मिली। मां ने जिस बेटी को नौ महीने पेट में रखा, वहां उसे निर्दयी से छोड़ आई। गनीमत रही कि किसी जानवर को बच्ची नहीं मिली, वरन वह उसकी जान भी ले सकता था। समाचार के लिखे जाने तक यह नहीं पता चल पाया कि वह बच्ची किसकी है?
मिली जानकारी के अनुसार थाना साढ़ क्षेत्र के गांव पडरी के रहने वाला एक किसान घर से खाना खाकर प्रतिदिन की तरह खेतों की रखवाली के लिये खेत में गया था। गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर जंगल में किसी नवजात बच्ची की रोने की आवाज आई तो उसने वहां जाकर देखा तो नवजात बच्ची रो रही थी। बच्ची के शरीर से ब्लड, झाड़ियों के कांटे और नाभि से नारा जुडा था। किसान ने डायल 112 को मामले की सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने बच्चों को झाड़ियों से बाहर निकाल और आनन-फानन में भीतरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया।
सीएचसी अधीक्षक डॉ मनीष तिवारी का कहना है कि बच्ची के शरीर में लकड़ी और कांटे चुभने के जख्म हैं। हालत स्थित है। इसकी रिपोर्ट बाल कल्याण समिति को भेजी जायेगी।