पढ़ाई के लिए लाये गए बच्चे काम करते मिले- कराए मुक्त- 3 हिरासत में लिए

लखनऊ। पढ़ाई के लिए बिहार से लाए गए बच्चों से मदरसे में बैग आदि बनाने का काम कराया जाने लगा। मानव तस्करी के इस मामले की जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं चाइल्डलाइन टीम ने छापामार कार्यवाही करते हुए 18 बच्चों को रेस्क्यू कर मुक्त कराया। इस सिलसिले में तीन व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है। सोमवार को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नई दिल्ली के अध्यक्ष द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करते हुए सफल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने वाली प्रियांक कानूनगो ने बताया है कि लखनऊ के थाना पारा के सरोना इलाके में बने अवैध मदरसे पर उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं चाइल्डलाइन लखनऊ की संगीता शर्मा ने अपने सहयोगियों के साथ छापामार कार्यवाही की।


इस दौरान 18 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है, जिनकी उम्र 6 साल से लेकर 14 वर्ष के बीच थी। मदरसे की हालत देखकर छापामार कार्यवाही करने के लिए पहुंचे अफसर दंग रह गए। क्योंकि बच्चों को मानव जीवन की मूलभूत सुविधाओं के बगैर रखा गया था। मदरसे में पंखे तो लगे थे, लेकिन बिजली नहीं थी। खानपान की व्यवस्था भी बच्चों को नहीं दी गई थी। गरीब लोगों के बच्चों को बिहार से उर्दू की पढ़ाई के नाम पर मदरसे में लाया गया था, लेकिन यहां पर मदरसे में उनसे कपड़े एवं बैग बनाने का काम कराया जा रहा था।

चाइल्डलाइन से मिली जानकारी के मुताबिक सभी बच्चों की काउंसलिंग चल रही है ताकि इस बात की मुकम्मल जानकारी मिल सके कि रैस्क्यू किए गए बच्चों का उपयोग किन किन कार्यों में लिया जा रहा था। रेस्क्यू अभियान में मुक्त कराए गए बच्चों की जानकारी सबसे पहले एसएसबी को मिली थी, जिसकी सूचना पर मोतिहारी पुलिस ने इन्हें रोक कर पूछताछ की थी। बाल कल्याण समिति मोतिहारी के संज्ञान में मामला लाए बगैर बच्चों को लाने वाले व्यक्ति के हाथों में देकर बिहार क व्यक्ति ने लखनऊ की बस में रवाना कर दिया गया था।