बाल श्रम रोकने को कार्यशाला आयोजित

बाल श्रम रोकने को कार्यशाला आयोजित

मुजफ्फरनगर। बाल श्रम को लेकर चलाई जा रही मुहिम के तहत आज एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विचार-विमर्श करते हुए आगे की रणनीति तय की गई।

एक्शन एड संस्था द्वारा बाल श्रम उन्मूलन एवं मानव तस्करी की रोकथाम के लिए स्टार परियोजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन राजकीय इंटर कॉलेज के सभागार में किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ जिला प्रोबेशन अधिकारी मुहम्मद मुश्फेकीन और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार ने की। स्टार प्रोजेक्ट के जिला कोर्डिनेटर राहुल कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम यूपी के 10 जिलों में चल रहा हैं। इनमें यूपी वेस्ट से मुजफ्फरनगर भी शामिल है। संस्था द्वारा बुढ़ाना और शाहपुर ब्लॉक के 25 गांवों में बाल श्रम की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

जिला प्रोबेशन अधिकारी मुहम्मद मुश्फेकीन ने कहा कि बाल श्रम से मुक्त हुए बच्चों के लिए अनेक विभागीय योजनायें हैं। चिन्हित बच्चों को उन योजनाओं से जोड़कर उनका स्कूलों में नामांकन कराना होगा। उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों से आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने और बच्चों के बेहतर भविष्य का निर्माण करने के लिए आपसी संवाद पर बल दिया। मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार ने बताया कि अगर बाल श्रम में लिप्त बच्चे की उम्र 14 वर्ष से ऊपर है, तो उन्हें इंटर कॉलेज में दाखिला दिला सकते है। लेकिन अगर वह पढ़ा लिखा नहीं है, तो ऐसे बच्चों की पढ़ाई में सहायता करने के लिए एनसीसी, एनएसएस और जागरूक लोगों का सहयोग ले सकते हैं। साथ ही बाल श्रम में लिप्त बच्चों के परिवारों की कॉउंसलिंग भी कर सकते हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम ने कहा कि बाल श्रम में लिप्त बच्चों की श्रम विभाग से जो सूची मिलती है, उन सभी बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल किया जाता है। बेसिक शिक्षा विभाग स्वयं भी अपने हॉउस होल्ड सर्वे में ऐसे बच्चों को चिन्हित करता है। अगर बाल श्रम में लिप्त बच्चा जिसकी उम्र 5 से 14 वर्ष है, किसी भी विभाग को मिलता है, ऐसे सभी बच्चो का नामांकन पूरे वर्ष होता है।

श्रम विभाग से श्रम प्रवर्तन अधिकारी शाहिद खान ने कहा कि रेस्क्यू अभियान समय-समय पर चलता है और बाल कल्याण समिति के साथ रेस्क्यू किये गए बच्चों को मुख्यधारा में शामिल कराने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने बाल श्रमिकों के पुनर्वासन हेतु चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के बारे में बताया। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष कमलेश वर्मा ने बालश्रम निषेध और विनियमन संशोधन विधेयक 2016 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समिति ने बहुत से बाल श्रम कराने वाले नियोक्ताओ के पेंच कसे हैं। एक्शन ऐड के जिला समन्वयक कमर इंतेखाब ने कहा कि बाल श्रम में लिप्त ऑउट ऑफ स्कूल बच्चों को पूरे जिले में चिन्हित किया जा रहा है। प्रेरक ईंट-भट्टो और गन्ना कोल्हुओं पर जाकर बाल श्रम और मानव तस्करी रोकने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे है। पिछले वर्ष देश के विभिन्न राज्यों से मुजफ्फरनगर के सैकड़ों बाल एवं बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया था, जिनका श्रम विभाग की तरफ से पुनर्वास किया जा रहा है।

प्रोग्राम समन्वयक अर्पित धीमान ने सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में नेहरू युवा केन्द्र की जिला युवा समन्वयक प्रतिभा शर्मा, बाल संरक्षक अधिकारी नीना त्यागी, जिला एन्टी ट्रैफिकिंग यूनिट, चाइल्ड लाइन की निदेशक पूनम शर्मा समेत एक्शन एड के दर्जनों प्रेरक गुड्डी, यासमीन आदि सम्मलित रहे।

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