लक्ष्मण ने जब जानी पानी की अहमियत तो अब करते हैं बचत
लखनऊ। कभी-कभी इंसान के जीवन में एक ऐसा वक्त आता है जब उसको एक सबक मिलता है और जीवन में उसको आत्मसात कर लेता है। ऐसा ही हुआ आवास विकास परिषद के डिप्टी कमिश्नर लक्ष्मण प्रसाद के साथ। एक दौरे पर बुंदेलखंड में जब उन्हें पानी नहीं मिला तब उन्हें एहसास हुआ कि जीवन में पानी की अहमियत बहुत है, तब से लेकर आज तक लक्ष्मण प्रसाद पानी को व्यर्थ नहीं करते हैं।
दरअसल उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के वर्तमान में डिप्टी कमिश्नर साल 2001 - 02 में कानपुर जोन के इंचार्ज थे। एक बार जब वह बुंदेलखंड के बांदा जनपद में दौरे पर गए, तो उन्हें पानी की जरूरत महसूस हुई लेकिन आसपास उन्हें पानी नहीं मिल पा रहा था। काफी देर तक जब उन्हें पीने के लिए पानी नहीं मिला तो उन्होंने सोचा की पानी का जीवन में बहुत बड़ा अर्थ है , अगर पानी नहीं है तो जीवन व्यर्थ है तब उन्होंने तय किया कि अब कभी भी पानी का दुरुपयोग नहीं करेंगे। तभी तो रेस्टोरेंट , ऑफिस या कहीं भी जब उनके पास पानी की बोतल आती है और अगर उसमें पानी बच जाता है तो वे उसको उठाकर अपने साथ ले जाते हैं। जब जब उन्हें पानी की जरूरत होती है तो वे उसी बोतल से पानी तब तक पीते हैं जब तक वह खत्म नहीं हो जाती।
डिप्टी कमिश्नर लक्ष्मण प्रसाद ने पानी की किल्लत को जाना तो अब वह जब नहाते हैं तब भी पानी की बचत करते हैं। नहाते समय डिप्टी कमिश्नर लक्ष्मण प्रसाद उतना ही पानी टब में भरते हैं जितने से वो नहा सके। इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उनका कहना था कि भूजल स्तर लगातार गिर रहा है, ऐसे में पानी बचाने के लिए सभी लोगों को जागरूक होना होगा । पानी की हम सभी को जरूरत है, इसलिए पानी बचाने के लिए सब लोगों को आगे आना चाहिए।