हाथों में तिरंगा- जुबां पर अनिल तोमर अमर रहे से गूंजा आसमान

हाथों में तिरंगा- जुबां पर अनिल तोमर अमर रहे से गूंजा आसमान


मेरठ। जम्मू—कश्मीर में शहीद हुए मेरठ के लाल अनिल तोमर का पार्थिव देह देर शाम उनके पैत्रिक गांव सिसौली पहुंचा तो पूरा इलाका शहीद अनिल के जयकारों से गूंजने लगा। सुबह से शहीद के पार्थिव देह का इंतजार कर रहे सिसौली के नवयुवकों ने तिरंगा लहराया और अनिल तोमर अमर रहे के नारे लगाए। इस दौरान मेरठ—गढ मार्ग पर कई किमी लंबी वाहनों की लाइनें लग गई। सिसौली कस्बे में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।


कड़ाके की ठंड में युवाओं ने तिरंगा लहराया और अमर अनिल तोमर अमर रहे के नारे लगाए। युवकों के हाथों में तिरंगा और जुबा पर शहीद अनिल अमर रहे के नारों के साथ पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त उम्माद देखा गया। आसपास के गांव वालों को भी जैसे ही पता चला कि शहीद का पार्थिव देह आ रहा है वे भी सिसौली मेें शहीद के घर पर एकत्र होने लगे। थाना पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा। शहीद का पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंचा परिजनों में चींख पुकार मच गई। शहीद की पत्नी गश खाकर गिर गईं और वे बेहोश हो गई। शहीद की मां अपने बेटे की एक झलक देखने को देखने को बेताब थी तो वहीं उनके पिता गमगीन होकर निढाल बेटे के पार्थिव देह के पास ही बैठ गए। शहीद के दोनों बच्चों को यह समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें। दोनों बच्चों को परिवार के अन्य लोगों ने संभाला।

पश्चिम कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए सिसौली निवासी हवलदार अनिल कुमार तोमर की पार्थिव देह उनके गांव में पहुंचने पर उनके अंतिम दर्शन करने करने के लिए मंगलवार की सुबह से ही आसपास के गांवों से लोगों का पहुचना शुरू हो गया था। क्षेत्र के गणमान्य लोग शहीद के घर पहुचकर उनके पिता भोपाल सिंह को ढांढस देने में लगे थे। शहीद का पार्थिव देह उनके आवास पर आज पहुंचने में देरी लगी इसका कारण श्रीनगर में मौसम खराब होने के कारण सभी उड़ानों को रद कर दिया गया था। इस कारण से शहीद का पार्थिव देह देरी से उनके पैत्रिक गांव पहुंचा।

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