मुजफ्फरनगर में गन्ना विभाग का रिकाॅर्ड - 48 दिन में नया भुगतान
मुजफ्फरनगर। किसान आंदोलन की सरगर्मी के बीच ही मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन शासन की मंशा के अनुसार गन्ना किसानों के हितों को साधने में जुटा हुआ है। शुगर मिलों से पिछले गन्ना सीजन का 95 फीसदी से अधिक बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराने में सफलता मिलने के साथ ही नये पेराई सत्र का भुगतान भी शुगर मिलों ने किसानों को देना प्रारम्भ कर दिया है। यह पहली बार है कि राज्य सरकार द्वारा गन्ना मूल्य की दरें निर्धारित किये बिना ही शुगर मिलों से किसानों का भुगतान कराया गया है। अब तक जनपद की तीन शुगर मिलों द्वारा किसानों का मौजूदा पेराई सत्र के लिए 45 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है। यह गन्ना विभाग की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। इसके साथ ही विभाग लगातार शेष रह गया पिछला भुगतान भी कराने के प्रयासों में जुटा हुआ है।
जनपद मुजफ्फरनगर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गन्ना मंत्री सुरेश राणा की किसानों के प्रति प्राथमिकता और गन्ना किसानों के हितों को लेकर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के निर्देशन में गन्ना विभाग लगातार किसानों के भुगतान और उनके हितों को साधने में जुटा हुआ है। जनपद मुजफ्फरनगर में गन्ना पेराई सत्र 2020-21 की शुरूआत 27 अक्टूबर को दि गंगा किसान सहकारी मोरना चीनी मिल से शुरू हुई थी। 9 नवम्बर तक जनपद की सभी आठ शुगर मिलों ने गन्ने की पेराई का काम शुरू कर दिया था। मुजफ्फरनगर जनपद में नया पेराई सत्र शुरू हुए अभी केवल 48 दिन का समय ही व्यतीत हुआ है। ऐसे में जनपद में जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के मार्ग दर्शन में गन्ना विभाग ने दो उपलब्धियां हासिल कर ली हैं।
पहली उपलब्धि में राज्य सरकार के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान में जिला गन्ना अधिकारी डाॅ. आरडी द्विवेद्वी के नेतृत्व में गन्ना विभाग जनपद में गन्ना किसानों को 95 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान कराने में सफल हो पाया। उनके प्रयासों का ही नतीजा रहा कि पिछलें सीजन पेराई सत्र 2019-20 का गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान करने में मुजफ्फरनगर ने उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन किया। जिले की पांच चीनी मिलों द्वारा 2019 के गन्ना सीजन का शतप्रतिशत बकाया भुगतान किया गया। अब तक पिछले सीजन का 95.26 प्रतिशत भुगतान किसानों को हो चुका है। इसके साथ ही पिछले सीजन का शेष भुगतान करने के लिए भी गन्ना विभाग प्रयासरत है।
इसके साथ ही गन्ना विभाग ने अब दूसरी उपलब्धि हासिल करते हुए पेराई सत्र के प्रारम्भ का दूसरा माह पूर्ण होने से पहले ही किसानों को नये सीजन कर भुगतान कराना भी प्रारम्भ कर दिया है। यह तब है जबकि अभी किसान भी असमंजस में हैं कि राज्य सरकार द्वारा इस बार अभी तक गन्ना मूल्य का रेट तय नहीं किया है तो उनको भुगतान कब तक मिल पायेगा। इसमें गन्ना विभाग ने ऐतिहासिक स्तर पर काम करते हुए बड़ी उपलब्धि हासिल कर किसानों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गन्ना मंत्री सुरेश राणा एंव अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी की किसान कल्याण की नीतियों पर अमल करते हुए किसानों को खुशियों की सौगात देने का काम किया है। जनपद में अभी नये पेराई सीजन के लिए तीन शुगर मिलों के द्वारा किसानों को भुगतान किया गया है। इनमें टिकौला मिल द्वारा सर्वाधिक 17.13 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जबकि त्रिवेणी ग्रुप की खतौली शुगर मिल द्वारा 14.37 करोड़ और डीएसएम ग्रुप धामपुर की मन्सूरपुर शुगर यूनिट के द्वारा 13.73 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है। इन तीन चीनी मिलों के द्वारा किसानों को कुल 45.23 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। जिला गन्ना अधिकारी डाॅ. आरडी द्विवेद्वी बताते हैं, ''जिला मुजफ्फरनगर गन्ना भुगतान में रिकाॅर्ड स्तर पर सफलता अर्जित कर रहा है। हमारा सामूहिक प्रयत्न है कि पिछले सीजन का जल्द से जल्द शत प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित कराने में सफल हो पायें। नये सीजन का भुगतान भी शुरू कराया जा चुका है। ऐसे में में हमारा प्रयास है कि जनपद की तीन शुगर मिलों के साथ ही बाकी चीनी मिलों द्वारा भी गन्ना किसानों को जल्द से जल्द नया भुगतान कराया जाये।''
गन्ना किसानों को भुगतान के मामले में मुजफ्फरनगर जनपद में बेहतर रिकाॅर्ड कायम किया गया है। जिस समय नये पेराई सत्र की शुरूआत की गयी थी तो जनपद की आठ शुगर मिलों पर किसानों का करीब 586 करोड़ रूपये से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान बकाया चल रहा था। इस भुगतान के मामले में बजाज हिन्दुस्थान ग्रुप की बुढ़ाना क्षेत्र में स्थित भैसाना चीनी मिल सबसे फिसड्डी चल रही थी। सहकारी चीनी मिल मोरना पर भी 29 करोड़ का भुगतान बकाया चल रहा था, लेकिन पेराई सत्र के शुरूआत के 48 दिनों के भीतर ही बकाया भुगतान को शत प्रतिशत के नजदीक ले जाने के साथ ही गन्ना विभाग ने नये सीजन के भुगतान में भी तेजी पैदा करते हुए प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीति को सार्थक करने का काम किया है।