IPS बेटे के ADG बनने पर मां ने किया सैल्यूट
लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा एक सप्ताह पूर्व प्रमोशन पाए 10 आईपीएस अधिकारियों को अब नया बैज मिलने लगा है। डीजीपी एचसी अवस्थी ने आईपीएस अधिकारियों के कंधे पर नए बैज लगाकर नई जिम्मेदारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बड़ी जिम्मेदारी के साथ अब आपको अपना दिल भी बड़ा करना होगा। मतलब ज्यादा संवेदनशील बनना होगा और जनता के प्रति उतना ही मधुर व्यवहार करना होगा।
प्रमोशन पाये आईपीएस नवनीत सिकेरा ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर इस पल को शेयर करते हुए लिखा है कि पापा को बहुत मिस कर रहा था लेकिन मां की खुशी की फुलझड़ी से बिखरे सितारों से मन खुश हो गया। हुआ यूं कि नए बैज लगने के बाद सबसे पहले मैंने मां को वीडियो कॉल किया और उनको बताया कि अब मैं एडीजी बन गया हूँ। मां ने तुरंत सैलूट मारा और बोली जय हिन्द साहब। सभी हंसते-हंसते लोट पोट हो गए। मां से ज्यादा बच्चे को कोई नहीं जानता, उन्होंने एक पल में सब कुछ खुशगवार कर दिया।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह 10 आईपीएस अधिकारियों को प्रोन्नत किया था। वहीं 10 अधिकारियों को सेलेक्शन ग्रेड दिया है। इसमें 1996 बैच के चार, 2003 बैच के सात, 2007 बैच के दस आईपीएस अफसरों को प्रोन्नत किया गया है। वहीं 2008 बैच के दस अफसरों को सेलेक्शन ग्रेड दिया गया है। 1996 बैच के आईपीएस सतीश गणेश (आईजी रेंज आगरा), नवनीत सिकेरा (आईजी बजट) व विजय प्रकाश (फायर सर्विसेस) और ज्योति नारायण (आईजी कानून व्यवस्था) को आईजी से एडीजी, 2003 बैच के आईपीएस मोदक राजेश डी राव (डीआईजी गोरखपुर),हीरा लाल (डीआईजी ईओडब्ल्यू), विनय कुमार यादव (डीआईजी अभियोजन), संजय कुमार (डीआईजी पीटीएस), शिव शंकर सिंह (डीआईजी पीटीसी), राकेश सिंह (डीआईजी देवीपाटन) व राजेश पांडेय (डीआईजी बरेली) को डीआईजी से आईजी बनाया गया है। वहीं 2007 बैच के अमित पाठक (एसएसपी वाराणसी), जोगेन्द्र कुमार (एसएसपी गोरखपुर), विनोद कुमार (एसपी कुशीनगर), रवि शंकर छवि (एसपी वीमेन पावर), प्रतिभा अंबेडकर (एसपी तकनीकी सेवा), नितिन तिवारी (डीसीपी नोएडा), अनिल कुमार सिंह (एसपी एससीआरबी) व डीजीपी मुख्यालय में तैनात पंकज कुमार, गोपेश खन्ना, अशोक कुमार तृतीय को एसपी से डीआईजी के पद पर प्रोन्नत किया गया है।
इसके अलावा 2008 बैच के दस आईपीएस अफसरों को सेलेक्शन ग्रेड दिया गया है। डीआईजी से आईजी की सूची में दो अफसरों अरविन्द सेन व दिनेश चंद्र दुबे का लिफाफा बंद रखा गया है क्योंकि इन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और इसकी जांच चल रही है। अरविन्द सेन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी चल रही है।