समीक्षा बैठक में हीटवेव व हीट स्ट्रोक को लेकर DM ने कसे अफसरों के पेंच
मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी ने आज आपदा प्रबन्धन के साथ जुडे विभागो के अधिकारियों के साथ हीट वेव/हीट स्ट्रोक से बचाव हेतु समीक्षा बैठक कर सम्बन्धित अधिकारियो को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
उन्होने आम जनमानस से गर्मी के चलते लू और गर्म हवाओ से बचाव के लिए सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा है कि गर्मी मे उच्च तापमान मे ज्यादा देर रहने या गर्म हवा के सम्पर्क मे आने से लू लग सकती है इसीलिए ऐसे मे अपना विशेष ध्यान रखे तथा लू लगने पर तुरन्त चिकित्सीय सहायता ले।
जिलाधिकारी ने सभी अधिशासी अधिकारियेां को निर्देश दिये कि पानी की किसी भी प्रकार की कोई दिक्क्त नही होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिये कि पानी के टैकर, वॉटर कूलर, पानी टंकी का निरीक्षण करें जहां कही भी कोई दिक्कत हो तत्काल उसे ठीक कराया जाये। पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था रहे।
उन्होने कहा कि पानी की किल्ल्त कही पर नही होनी चाहिए। उन्होने निर्देश दिये कि अधिक भीड भाड वाले स्थानों चौराहों पर ग्रीन नेट की व्यवस्था कराई जाये ताकि वहां पर रूकने वाले नागरिकों को सीधे धूप/सूरज की रोशनी से बचाया जा सके।
जिलाधिकारी ने सी0एम0ओं0 को निर्देश दिये कि प्रत्येक सी0एच0सी0 पी0एच0सी एवं जिला चिकित्सालय में अलग से हीट स्ट्रोक से बचाव हेतु बेड की व्यवस्था कराई जाये।
सी0एम0ओ0 ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि प्रत्येक सी0एच0सी0 पर कोल्ड रूम की व्यस्था कराई गई हैं। उचित मात्रा में ओ0आर0एस0, पैरासीटामोल, सहित अन्य आवश्यक दवाई की व्यवस्था की गई है।
उन्होने बताया कि हीट स्ट्रोक के लिए आशा, ए0एन0एम0 व चिकित्सा अधिकारी को प्रशिक्षण दिया गया है।
जिलाधिकारी ने पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि गौशाला में पशुओं के चारे, पानी एंव छाया की उचित व्ययवस्था होनी चाहिए। पशुओं को नहलाने जाये। सभी गौशाला में संसाधन उपलब्ध है। इसमें किसी प्रकार की कोई कोताही न बरती जाये।
उन्होने विधुत विभाग को निर्देश दिये कि बिजली के तारों का निरीक्षण करते रहे कही पर अगर ढीले तार, स्पार्किेग की शिकायत आती है तो तत्काल उसे ठीक कराया जाये।
उन्होने कहा कि ट्रांसफार्मर, शार्ट सर्किट एवं विधुत सप्लाई बाधित होती है तो उसका विशेष रूप से ध्यान रखा रखा जाये। अगर कही पर कोई फाल्ट आदि होता है तो उसको ठीक करने के लिए टीम की व्यवस्था तत्काल रूप से होनी चाहिए।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने कहा कि जब वातावरणीय तापमान 37 डिग्री से0 तक रहता है तो मानव शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पडता है, जैसे ही तापमान 37 डिग्री से0 से ऊपर बढता है तो हमारा शरीर वातावरणीय गर्मी को शोषित कर शरीर के तापमान को प्रभावित करने लगता है। शरीर में सबसे बडी समस्या होती है लू लगना। अग्रेंजी में इसे हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक कहते हैं। गर्मी में उच्च तापमान में ज्यादा देर तक रहने से या गर्म हवाओं के झोंको के सम्पर्क में आने पर लू लग जाती है। इसलिए जितना इससे बचा जाये सही होगा।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी महावीर सिंह फौजदार, ई0ओ0, बी0डी0ओ0 सहित सम्बन्धित अधिकारी गण उपस्थित थे।