नकली दवा सिंडिकेट से अब तक छह करोड़ की नकली दवाएं जब्त
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नकली दवा बनाने वालों के गिरोहों पर नकेल कसने के लिये ड्रग माफिया के खिलाफ चलाये गये अभियान में खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने पिछले छह महीने में अब तक लगभग 06 कराेड़ रुपये की नकली दवायें बाजार में पहुंचने से रोक कर जब्त कर ली है।
सोमवार को आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से यह जानकारी दी गयी। एफएसडीए की अपर मुख्य सचिव अनीता सिंह ने बताया कि नकली दवा बनाने वाले सिंडीकेट को तोड़ने के लिये इस साल 08 मार्च से 01 सितंबर तक 174 छापेमारी की गई है। इस अभियान में करीब छह करोड़ रुपये की नकली दवाएं जब्त हुई हैं। बिना लाइसेंस और नकली औषधि बनाने या बेचने के आरोप में 66 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
गौरतलब है कि योगी ने ड्रग माफिया तंत्र को ध्वस्त करने के लिये एफएसडीए को नकली दवाओं और खाद्य पदार्थों के सैंपल बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि एफएसडीए ने इसके अनुपालन में हर साल 20 हजार सैंपल एकत्र करने का फैसला किया है। अभी यह संख्या 5000 तक ही सीमित थी।
एफएसडीए के आंकड़ों के मुताबिक पिछले छह महीनों में लगभग 06 करोड़ रुपये की नकली दवायें जब्त की जा चुकी हैं। एफएसडीए ने 24 अगस्त से एक सितंबर तक ड्रग माफिया के खिलाफ चले विशेष अभियान में 32 लाख रुपये से अधिक की नकली दवाएं जब्त की हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2017 से एफएसडीए ने अब तक 83 करोड़ रुपये की नकली दवाएं पकड़ी हैं। इस दौरान नकली दवायें बनाने वाले ड्रग माफिया सिंडीकेट में शामिल 07 हजार से अधिक दवा लाइसेंस निरस्त किये गये हैं। वहीं, इन मामलों में 770 आरोपी गिरफ्तार भी हुए हैं।
एफएसडीए द्वारा नकली दवाआें की जांच के लिये दो जिलों के बीच मोबाइल खाद्य लैब चलायी जायेगी। मुख्यमंत्री योगी ने एफएसडीए को प्रयोगशालाओं की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए थे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मेरठ, वाराणसी और आगरा की प्रयोगशालाएं अपग्रेड हुई हैं। फिलहाल, प्रदेश के छह मंडलों मेरठ, आगरा, झांसी, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर में एफएसडीए की लैब संचालित हैं। प्रदेश के 12 अन्य मंडलों में 934 करोड़ की लागत से एफएसडीए की प्रयोगशालाओं का निर्माण हो रहा है। इसे अगले डेढ़ वर्ष में पूरा हो जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के दो जिलों के बीच एक सचल खाद्य प्रयोगशाला का संचालन भी किया जाएगा, जिससे दवाओं के नमूने एकत्र करने की संख्या 20 हजार से बढ़ाकर 60 हजार तक ले जायी जा सके।
गौरतलब है कि एफएसडीए ने गत 30 अगस्त को अलीगढ़ में बिना लाइसेंस संचालित एक होम्योपैथिक दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। इसमें 25 लाख रुपये की पशुओं की दवा और फूड सप्लीमेंट बरामद किए गए थे। साथ ही दवाओं की जांच के लिए छह नमूने लिए गए और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
वार्ता