लम्पी स्किन डिजीज बीमारी की रोकथाम के संबंध में DM ने की बैठक

लम्पी स्किन डिजीज बीमारी की रोकथाम के संबंध में DM ने की बैठक

मुज़फ्फरनगर। जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी एवं मुख्य विकास अधिकारी संदीप भागिया की अध्यक्षता में लम्पी स्किन डिजीज बीमारी की रोकथाम के संबंध में बैठक का आयोजन विकास भवन सभागार में किया गया। जिसमें जिलाधिकारी महोदय द्वारा सर्तकता बरतने के निर्देश जारी करते हुए सभी बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की तथा सघन निगरानी बरतने के निर्देश पारित करते हुए पशुपालकों के लिए सुझाव जारी किये।

👉🏻 लम्पी स्किन डिजीज बीमारी की रोकथाम हेतु पशुपालकों के लिए आवश्यक सुझाव।

1-यह बीमारी एक संक्रामक रोग विषाणु जनित बीमारी है, यह बीमारी गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं में पायी जाती हैं।

2-रोग का संचरण/फैलाव/प्रसार पशुओं में मक्खी, चिचडी एवं मच्छरों के काटने से होता है।

3-लम्पी स्किन डिजीज बीमारी के मुख्य लक्षण:-

(1)-पशुओं में हल्का बुखार होना, पूरे शरीर पर जगह-जगह नोड्यूल/गाॅठो का उभरा

हुआ दिखाई देना।

(2)-बीमारी से ग्रसित पशुओं की मृत्यु दर अनुमान 1 से 5 प्रतिशत होना।

4-बीमारी के रोकथाम एवं नियंत्रण के उपायः-

(1)-बीमारी से ग्रसित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना।

(2)-पशुओं में बीमारी को फैलाने वाले घटकों की संख्या को रोकना अर्थात् पशुओं को मक्खी, चिचडी एवं मच्छरों के काटने से बचाना, अतः पशुशाला की साफ-सफाई दैनिक रूप से करना तथा डिसइन्फैक्शन (जैसे चूना आदि) का स्पे्र करना।

(़3)-संक्रमिक स्थान की दिन में कई बार फोरमेलिन, ईथर, क्लोरोफाॅर्म, एल्कोहेल एवं उपलब्ध कीटनाशक से सफाई करना।

(4)-मृत पशुओं के शव को गहरे गड्ढे में दबाया जाना।

5-संक्रमित पशुओं को खाने के लिए संतुलित आहार तथा हरा चारा दे।

6- संक्रमण से बचाव हेतु:- ऑवला ,अश्वगन्धा, गिलोय एवं मुलठी में से किसी एक को 20 ग्राम की मात्रा में गुड़ मिलाकर सुबह शाम लड्डू बनाकर खिलाये।

अथवा

तुलसी के पत्ते एक मुठ्ठी, दालचीनी 05 ग्राम सोठ पाउडर 05 ग्राम, काली मिर्च 10 नग, को गुड में मिलाकर सुबह शाम खिलाये।

7- संक्रमण होने के बाद देशी औषधि व्यवस्था:- नीम के पत्ते एक मुठ्ठी, तुलसी के पत्ते एक मुठ्ठी, लहसुन की कली 10 नग, लौंग 10 नग, काली मिर्च 10 नग, जीरा 15 ग्राम, हल्दी पाउडर 10 ग्राम, पान के पत्ते 05 नग, छोटे प्याज 02 नग, पीसकर गुड़ में मिलाकर सुबह शाम 10-14 दिन तक खिलायें।

8- खुले घाव के लिए देशी उपचार:- नीम के पत्ते एक मुठठी, तुलसी के पत्ते एक मुठ्ठी, मेंहदी के पत्ते एक मुठ्ठी, लहसुन की कली 10 नग, हल्दी पाउडर 10 ग्राम, नारीयल का तेल 500 मिली0 को मिलाकर धीरे-धीरे पकाये तथा ठण्डा होने के बाद नीम की पत्ती पानी में उबालकर पानी से घाव साफ करने के बाद जख्म पर लगाये।

9- पशुओं के स्नान के लिए 25 लीटर पानी में एक मुठ्ठी नीम की पत्ती का पेस्ट एवं 100 ग्राम फिटकरी मिलाकर प्रयोग करे। घोल के स्नान के बाद सादे पानी से नहलाये।

10- संक्रमण रोकने के लिए पशु बाड़े मंे गोबर के कण्डे में गूगल, कपूर, नीम के सूखे पत्ते, लोबान को डालकर सुबह शाम धुआॅ करें।

वर्तमान में जनपद में लम्पी स्किन डीजीज का कोई भी पशु ग्रसित नही है, परन्तु अपने-अपने पशुओं में निगरानी रखे तथा किसी पशु में बीमारी के लक्ष्ण पाये जाने पर कलेक्ट्रेट कन्ट्रोल रूम, मुजफ्फरनगर नं0- मो0नं0-0131-2436918, 9412210080 पर सूचित करें, ताकि त्वरित कार्यवाही की जा सके। केवल सरकारी /रजिस्टर्ड पशु चिकित्सक से ही पशु का उपचार कराये, ताकि आपको बेहतर दवा से बेहतर उपचार मिल सके।

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