आयुक्त की एडवाइजरी- परिधि में होने वाली घटना के बारे में देता है अलर्ट

आयुक्त की एडवाइजरी- परिधि में होने वाली घटना के बारे में देता है अलर्ट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि श्क्ंउपदपश् ऐप इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ ट्रापिकल मैट्रोलॉजी, पुणे द्वारा एवं 'Meghdoot'k~ऐप भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD),भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। यह दोनों मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर पर निःशुल्क उपलब्ध हैं।

दामिनी ऐप के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि यह ऐप प्रयोगकर्ता किसान को बचाव के तरीकों के सम्बन्ध में सूचना प्रदान करता है। इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन करने पर यह उपयोगकर्ता की लोकेशन के अनुसार उस स्थान से 10 किमी. के दायरे में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी के बारे में ऑडियो संदेश एवं एस.एम.एस. के माध्यम से अलर्ट करता है, जिससे उपयोगकर्ता समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुँच सकते हैं।

संजय आर. भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि आकाशीय बिजली से बचाव हेतु जारी दिशा-निर्देशों को गन्ना किसानों तथा विभागीय कार्मिकों के मध्य प्रचारित करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इन दिशा-निर्देशों में गन्ना कृषकों को आकाशीय बिजली से बचने के लिए खुले खेतों, पेड़ों के नीचे, पहाड़ी इलाकों, चट्टानों का उपयोग न करने की सलाह दी गयी है। इस एडवाइजरी में गन्ना किसानों तथा विभागीय कार्मिकों को वर्षा ऋतु में बिजली गिरने के समय तालाब, झील तथा बिजली का संचालन करने वाली वस्तुओं से दूर रहने का सुझाव भी दिया गया है तथा यह भी बताया गया है कि आकाशीय बिजली गिरने के समय धातुओं के बर्तन न धोयें तथा स्नान इत्यादि करने से भी बचें।

यह सलाह भी दी गयी है कि आकाशीय बिजली के समय आने वाले तूफान के दौरान बिजली के उपकरण या तार वाले फोन का उपयोग न करें एवं बिजली की गरज के दौरान पानी भरे खेत में न रहें तथा बिजली गिरने के दौरान यदि कोई व्यक्ति खुले स्थान पर फंस जाता है और आस-पास कोई छुपने का स्थान न हो तो ऐसी स्थिति में अपने दोनों हाथों को अपने कानों पर रखें, नीचे की तरफ थोड़ा कम अर्थात उकडू झुकें तथा सुनिश्चित करें कि आपके दोनों पैरों की एड़ी आपस में छू रही हो।

संजय आर. भूसरेड्डी ने मेघदूत ऐप के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि डिजिटल इंडिया के तहत किसानों को तकनीक से जोड़ने के लिए भारत सरकार द्वारा मेघदूत मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है। यह एक सरल और उपयोग में आसान मोबाइल एप्लिकेशन है जो मौसम की जानकारी के आधार पर किसानों को फसल जोखिम प्रबन्धन से संबंधित सलाह प्रदान करता है। यह ऐप भारतीय मौसम विज्ञान विभाग भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की एक संयुक्त पहल है।

उन्होनें बताया कि इस ऐप पर किसानों के लिये एडवाइजरी अंग्रेजी और हिन्दी सहित स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है। इच्छुक किसान को ''मेघदूत'' एप्लिकेशन डाउनलोड करना होगा और अपने मोबाइल नंबर और पसंदीदा भाषा का उपयोग करके साइन इन करना होगा। ऐप हर मंगलवार और शुक्रवार को एग्रो मेट फील्ड यूचनिट्स (ए.एम.एफ.यू.) द्वारा जारी फसल पर जिलेवार सलाह और पूर्वानुमानित मौसम की जानकारी प्रदान करता है। यह किसानों को मौसम के अनुसार निर्णय लेने तथा फसलों की बुवाई, कीटनाशक और उर्वरक का प्रयोग, सिंचाई के समय का निर्धारण आदि में भी सहायता प्रदान करता है।

उन्होनें यह भी बताया कि मेघदूत ऐप वर्तमान मौसम की जानकारी, बारिश, तापमान, आर्द्रता, हवा की गति और दिशा से संबंधित पांच दिनों के पिछले और पूर्वानुमानित मौसम की जानकारी भी प्रदान करता है, जो कृषि कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होने गन्ना किसानों को सलाह प्रदान की है कि वे ''मेघदूत'' ऐप डाउनलोड कर अपने जिले के अनुसार उपलब्ध दैनिक मौसम की जानकारी का उपयोग करें, ताकि किसान बदलते मौसम के अनुसार अपने कृषि कार्यों हेतु संचालन की योजना बना सकें और फसल के नुकसान को कम से कम कर सकें।

गन्ना विभाग के समस्त परिक्षेत्रीय अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि आकाशीय बिजली से बचाव एवं फसल जोखिम प्रबन्धन हेतु गूगल प्ले स्टोर से "दामिनी'' एवं ''मेघदूत'' ऐप डाउनलोड करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिकाधिक गन्ना कृषकों को प्रेरित करें जिससे वर्षा-ऋतु के समय खेतों में काम करने के दौरान किसी भी किसान बन्धु के साथ कोई अप्रिय घटना न घटे तथा मौसमी कारणों से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।

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