बोले भूसरेड्डी- शासन की सख्ती का असर- गन्ना मूल्य भुगतान ने पकड़ी रफ्तार

बोले भूसरेड्डी- शासन की सख्ती का असर- गन्ना मूल्य भुगतान ने पकड़ी रफ्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व एवं मंत्री, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, लक्ष्मी नारायण चौधरी के मार्गदर्शन में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों को त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान कराने हेतु सतत् प्रयास किये जा रहे हैं, जिसके अन्तर्गत शासन एवं गन्ना आयुक्त के स्तर पर सतत् समीक्षा करते हुए प्रदेश की चीनी मिलों को सख्त निर्देश जारी किये गये हैं, जिसका असर अब दिखने लगा है।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश सरकार के फैसलों ने यूपी में गन्घ्ना किसानों और चीनी उद्योग दोनों की सूरत बदल दी है। उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग को नई गति देने के साथ ही राज्घ्य सरकार ने प्रत्येक कदम पर गन्घ्ना किसानों को लगातार राहत प्रदान की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने गन्घ्ना मूल्य भुगतान का नया कीर्तिमान स्घ्थापित करते हुए अब तक लगभग 46 लाख से अधिक गन्ना किसानों को रू.1,95,060 करोड़ का रिकार्ड भुगतान करते हुए यूपी को देश में गन्ना एवं चीनी उत्पादन में नंबर वन पर ला दिया है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में अद्यतन गन्ना मूल्य भुगतान प्रथम बार 72 प्रतिशत से अधिक चल रहा है, जो विगत कई पेराई सत्रों के सापेक्ष काफी अधिक है। इसी क्रम में यह भी ज्ञातव्य है कि बजाज समूह की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2021-22 में देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष प्रतापपुर, बिलाई, गागनौली एवं बुढ़ाना इकाईयों का भुगतान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त पेराई सत्र 2021-22 हेतु बजाज समूह की मिलों का औसत गन्ना मूल्य भुगतान 90 प्रतिशत से अधिक चल रहा है। बजाज समूह की चीनी मिलों का शेष भुगतान फरवरी माह के मध्य तक पूर्ण होना सम्भावित है।

संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश के गन्ना किसानों को राहत पहुंचाने की कवायद में विभाग के अधिकारी दिन-रात मेहनत कर नई योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। इन प्रमुख योजनाओं से गन्ना कृषकों को लाभान्वित किये जाने के दृष्टिगत न्यूनतम 20 प्रतिशत की छूट पर कीटनाशक, जैव उत्पाद एवं कृषि यंत्र वितरित किये जाने हेतु चीनी मिलों को निर्देश निर्गत किये गये हैं। इनमें क्लोरेन्ट्रेनिलिप्रोल या समतुल्य कीटनाशक, अंकुश, ट्राइकोडर्मा, आर्गेनिक डिकम्पोजर, हेक्सा स्टाप, रेटून मैनेजमेण्ट डिवाईस, ट्रेन्च ओपनर, एफ.आई.आर.बी., स्प्रेयर, एम.बी. प्लाऊ, डिस्क प्लाऊ, चिजलर, सबस्वालर, कल्टीवेटर, हैरो, डीपफरो, ट्रैश मल्चर, पावर बीडर आदि कृषि उपयोगी यंत्र सम्मिलित हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के गन्ना किसानों को राहत पहुंचाने की कड़ी में फार्म मशीनरी बैंक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस योजना के माध्यम से गन्ना किसानों, विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों को गन्ना खेती की लागत कम करने में सुविधा मिली है तथा उनकी आय में भी वृद्धि हुई है। प्रदेश की 146 गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु प्रारम्भिक चरण में 03 फसल अवशेष प्रबन्धन यंत्र यथा-02 मल्चर एवं 01 रिवर्सिबल एम.बी. प्लाऊ के क्रय के साथ ही फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना का कार्य पूर्ण हो गया है साथ ही सक्षम 77 गन्ना समितियों के फार्म मशीनरी बैंकों में ट्रैक्टर को भी सम्मिलित कर लिया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि गन्ने की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने एवं पुरानी गन्ना प्रजातियों के स्थान पर 05 नई अच्छी उत्पादकतायुक्त गन्ना प्रजातियां यथा-को.शा.16233, को.शा.15233 (सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश हेतु मध्य से पकने वाली किस्म), को.लख.14204, को.लख.15204 (पश्चिमी एवं मध्य उत्तर प्रदेश हेतु मध्य देर से पकने वाली किस्म), को.लख.15466 (पूर्वी उत्तर प्रदेश हेतु अगेती किस्म) गन्ना बुवाई हेतु कृषकों को उपलब्ध करायी गयी हैं, जिससे न केवल गन्ना उत्पादकता में वृद्धि होगी वरन् इन सभी 05 किस्मों के लाल सड़न रोग रोधी होने के कारण इन पर लाल सड़न रोग का प्रभाव भी कम होगा। ये किस्में जमाव, व्यॉत, मिल योग्य गन्नों की संख्या, उपज एवं पेड़ी क्षमता तथा गुणवत्ता में भी श्रेष्ठ हैं।

ज्ञातव्य है कि विभागद्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों की जिज्ञासाओं के त्वरित एवं प्रभावी समाधान हेतु गन्ना विकास विभाग के मुख्यालय पर स्थापित कन्ट्रोल रूम टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर अब तक पंजीकृत हुईं शिकायतों में से लगभग समस्त 13,75,701 निस्तारित की गयी हैं। इससे कृषकों के कार्यालयों में आने-जाने में लगने वाले समय एवं पैसे की बचत हुई है तथा उन्हें समस्त सूचनायें घर बैठे सुगमतापूर्वक प्राप्त हो रही हैं।

गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने यह भी कहा कि किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान कराया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है एवं प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के आर्थिक हितों के संवर्धन तथा सर्वागीण विकास के लिये कृत संकल्पित है। अवशेष गन्ना मूल्य के त्वरित भुगतान के लिये सरकार द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए कतिपय चीनी मिलों के विरूद्ध 07 वसूली प्रमाण-पत्र निर्गत किये गये हैं।

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