जन्मदिन विशेष- आईएएस बन पब्लिक के फेवर में काम करना पसंद है हर्षिता को
लखनऊ। कासगंज की कलेक्टर के रूप में काम कर रही साल 2013 बैच की अफसर हर्षिता माथुर के पति अनुज सिंह भी 2013 बैच के आईएएस अफसर है और वर्तमान में सीतापुर में डीएम के पद पर काम कर रहे है। अनुज बिहार तो हर्षिता मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं। आईएएस में सिलेक्शन के बाद दोनों की मुलाकात ट्रेनिंग के दौरान आईएएस एकेडमी मसूरी में हुई थी। इस दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी। आईएएस ट्रेनिंग के बाद दोनों को यूपी कैडर मिला, फिर अलग-अलग जिलों में दोनों को तैनाती मिली। 2017 में परिवार की सहमति से दोनों ने शादी कर ली। कासगंज की जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के जन्मदिन पर विशेष............
2013 बैच की आईएएस अफसर हर्षिता माथुर मूल रूप से भोपाल (मध्य प्रदेश) की रहने वाली हैं। स्नातक तक शिक्षा ग्रहण करने वाली हर्षिता माथुर ने 18 सितंबर 1988 को जन्म लिया था। शुरुआती शिक्षा के बाद हर्षिता माथुर ने सिविल सर्विस में जाने का मन बनाया और उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम क्लियर करते हुए साल 2013 बैच के यूपी कैडर के आईएएस का कार्य संभाल लिया। उत्तराखंड की आईएएस एकेडमी मसूरी में 26 नवंबर 2015 को ट्रेनिंग की समाप्ति के बाद हर्षिता माथुर की जॉइनिंग ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में मुरादाबाद में हुई। लगभग 9 महीने तक मुरादाबाद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के बाद 31 अगस्त 2016 को उन्हें मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बनाया गया। 2 मई 2017 को हर्षिता माथुर को मेरठ से ट्रांसफर करते हुए मुख्य विकास अधिकारी बस्ती की जिम्मेदारी दी गई लेकिन लगभग डेढ़ महीने के बाद हर्षिता माथुर को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी का सीईओ बना दिया।
लगभग 10 महीने तक सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर में तैनाती के बाद 17 अप्रैल 2018 को हर्षिता माथुर को सीडीओ सिद्धार्थनगर बनाया गया। अप्रैल 2018 से 1 जनवरी 2020 तक सिद्धार्थनगर के सीडीओ के रूप में काम करने वाली हर्षिता माथुर को फिर से गोरखपुर में पोस्टिंग दी गई और उन्हें गोरखपुर का मुख्य विकास अधिकारी बना दिया गया। 7 महीने तक गोरखपुर के सीडीओ का चार्ज संभालने वाली हर्षिता माथुर को 31 जुलाई 2020 को शासन ने प्रतीक्षारत करते हुए वेटिंग लिस्ट में डाल दिया । उसके बाद 11 फरवरी 2021 को हर्षिता माथुर को बुलंदशहर - खुर्जा विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया। लगभग 8 महीने तक इस पद पर तैनात रहने वाली हर्षिता माथुर की कार्यशैली को बेहतर मानते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उन्हें 23 अक्टूबर 2021 को कासगंज जिले का कलेक्टर बना दिया, तब से हर्षिता माथुर कासगंज में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
जब जरूरतमंद दिव्यांग महिला को दिलाई साईकिल
गौरतलब है कि जब हर्षिता माथुर कासगंज जनपद में बतौर कलेक्टर विकास भवन में आयोजित दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा मोटराइज्ड ट्राई साइकिल वितरित करने के कार्यक्रम में शामिल थी। इसी बीच एक बुजुर्ग विकलांग महिला हंगामा करने लगी, जब महिला हंगामा कर रही थी, तब बतौर कलेक्टर हर्षिता माथुर ने इसका कारण पूछा तो दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अफसर ने बताया कि इस महिला का नाम मोटराइज्ड ट्राई साइकिल वितरण में शामिल नहीं है। तब जिलाधिकारी ने विभागीय अफसरों को आदेश देकर इस महिला को साइकिल दिलाई थी। जब महिला को साइकिल मिल गई तब उस महिला ने कलेक्टर हर्षिता माथुर का हाथ पकड़कर उन्हें हाथ चूमा और काफी दुलाR भी किया। महिला ने साइकिल मिलने के बाद हर्षिता माथुर से पूछा तुम किनकी लल्ली हो ( किसकी बेटी हो )। जब उसको बताया गया कि यह डीएम मैडम है तो वो दुआ देकर चली गयी।
कोरोना काल में पब्लिक की सेवा में जुटी थी हर्षिता माथुर
कोविड काल में आईएएस अफसर हर्षिता माथुर की सीएम योगी आदित्यनाथ के जनपद में बतौर सीडीओ तैनात थी। लॉ डाउन में जब सब कुछ बंद था तब गोरखपुर में मुख्य विकास अधिकारी हर्षिता माथुर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए बहुत सारी पहल कर चुकी थी। वो दूसरे राज्यों और शहरों से आए लोगों को क्वारंटीन करवाना, उनकी मेडिकल जांच की व्यवस्था करवाना और खाने-पीने का बखूबी ध्यान रखती रही। लॉकडाउन लगने के तुरंत बाद ही उन्होंने गावों तक स्वच्छता किट पहुंचाने का काम किया था। हर्षिता मुख्य रूप से गरीब और आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़े गावों जिनमें मुसहर और वनटांगिया रहते थे , उन पर ध्यान देती रही, जिससे कि वो लोग कोरोना महामारी से बच सकें। वो घर-घर लोगों को जागरूक करने का काम करती रही। गरीब लोगों तक राशन पहुंचाना और जरूरी सेवाओं में कोई बाधा न आए इस बात का बहुत ध्यान रखती रही। जिससे जिले के लोग हर्षिता माथुर की तारीफ करते नहीं थके थे।