वैश्विक कारकों से तय होगी बाजार की दिशा

वैश्विक कारकों से तय होगी बाजार की दिशा

मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों में बीते सप्ताह रही गिरावट के बाद आने वाले सप्ताह में बाजार की चाल बहुत हद तक वैश्विक कारकों पर निर्भर करेगी।

कोविड-19 वायरस के नये डेल्टा संस्करण के फैलने और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से पिछले सप्ताह बाजार में निवेश धारणा कमजोर रही। छोटी कंपनियों में निवेशकों ने पैसा लगाया, जबकि बड़ी और मझौली कंपनियों में बिकवाली का जोर रहा।

बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 440.37 अंक यानी 0.83 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट के साथ शुक्रवार को 52,484.67 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 138.15 अंक यानी 0.87 प्रतिशत टूटकर सप्ताहांत पर 15,722.20 अंक पर आ गया। सप्ताह के पहले चार दिन दोनों सूचकांक लाल निशान में बंद हुये जबकि शुक्रवार को इनमें तेजी रही।

मझौली कंपनियों में बिकवाली से बीएसई का मिडकैप समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 0.19 प्रतिशत लुढ़ककर 22,508.82 अंक पर आ गया। वहीं, छोटी कंपनियों का सूचकांक स्मॉलकैप 571.03 अंक यानी 2.28 फीसदी चढ़कर 25,567.26 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ।

आने वाले सप्ताह में भी निवेशकों की नजर कच्चे तेल की कीमतों और कोविड-19 की स्थिति पर रहेगी। आगामी 08 जुलाई को देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टीसीएस का पहली तिमाही का वित्तीय परिणाम आना है। इसका असर भी बाजार पर दिखेगा।

वार्ता

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