रिलायंस, सऊदी अरामको ओ2सी कारोबार में हिस्सेदारी के करार पर करेंगी पुनर्विचार

रिलायंस, सऊदी अरामको ओ2सी कारोबार में हिस्सेदारी के करार पर करेंगी पुनर्विचार

नई दिल्ली। अरबपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने शुक्रवार को बताया कि उसने और सऊदी अरामको ने उस आपसी करार का फिर मूल्यांकन करने का फैसला किया है, जिसके तहत सऊदी अरब की कंपनी उसके ओ2सी (तेल से रसायन) कारोबार में हिस्सेदारी खरीदने वाली थी।

अगस्त 2019 में दोनों पक्षों ने एक गैर बाध्यकारी करार किया था जिसके तहत सऊदी अरामको रिलायंस इंडस्ट्रीज के ओ2सी कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने वाली थी।

आरआईएल ने आज रात एक बयान में कहा कि दोनों कंपनियों के बीच नई सहमति के बाद उसने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष दिये गये उस आवेदन को वापस ले लिया है, जिसके तहत वह अपने ओ2सी कारोबार को अलग करने वाली थी।

बयान में कहा गया है कि रिलायंस के व्यवसाय की प्रकृति में हो रहे परिवर्तनों को देख देखते हुए रिलायंस और सऊदी अरामको ने परस्पर यह तय किया कि दोनों कंपनियों के लिए ओ2सी कारोबार में निवेश के पहले के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना दोनों पक्षों के लिए लाभप्रद होगा। इसके परिणाम स्वरूप एनसीएलटी के समक्ष उस आवेदन को वापस लिया जा रहा है, जिसमें रिलायंस के ओ2सी से कारोबार को अलग कंपनी में रखने की अनुमति मांगी गई थी।

आरआईएल ने कहा है कि वह भारत में निजी क्षेत्र में निवेश के लिए सऊदी अरामको की पसंदीदा भागीदार बनी रहेगी और इसी तरह वह सऊदी अरब में निवेश के लिए सऊदी अरामको तथा एसएबीआईसी के साथ सहयोग करेगी।


वार्ता

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