वैश्विक रुख और कंपनियों के तिमाही परिणाम तय करेंगे बाजार की चाल

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मुंबई। अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों में आधे प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के संकेत एवं ऊंचे भाव पर हुई बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह करीब दो प्रतिशत की गिरावट झेल चुके घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह वैश्विक रुख एवं कंपनियों के तिमाही परिणाम तय करेंगे।

समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1141.78 अंक यानी 1.96 प्रतिशत का गोता लगाकर सप्ताहांत पर 57197.15 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 303.7 अंक लुढ़ककर 17171.95 अंक पर आ गया।

इसी तरह बीएसई की बड़ी कंपनियों की तरह छोटी और मझौली कंपनियों पर भी बिकवाली हावी रही। मिडकैप 286.88 अंक टूटकर 24698.37 अंक और स्मॉलकैप 273.62 अंक फिसलकर 29247.98 अंक पर रहा।

विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक संकेत, वायदा सौदा निपटान और समाप्त वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में कंपनियों के परिणाम बाजार की दिशा निर्धारित करने वाले महत्वपूर्ण कारक होंगे। कमजोर वैश्विक संकेतों, सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के निराशाजनक तिमाही परिणाम की वजह से बीते सप्ताह इक्विटी बाजार में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट रही। अगले सप्ताह बाजार पर अप्रैल का वायदा सौदा निपटान और कंपनियों की चौथी तिमाही की आय के साथ वैश्विक संकेत हावी हो सकते हैं।

बाजार पर सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक के परिणाम का असर देखा जा सकेगा। वहीं, अगले सप्ताह बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी लाइफ, बजाज ऑटो, एचयूएल, अंबुजा सीमेंट, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, वेदांत, इंडसइंड बैंक, मारुति सुजुकी, अल्ट्राटेक सीमेंट और विप्रो जैसी दिग्गज कंपनियों के परिणाम जारी होने वाले हैं, जिसका असर बाजार पर रहेगा।

उनका कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) घरेलू शेयर बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं और अमेरिका में ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी की चिंताओं के बीच उनका व्यवहार महत्वपूर्ण होगा। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है जबकि कच्चे तेल की कीमतों पर भी बाजार की नजर रहेगी।

रूस-यूक्रेन संकट के और गहराने एवं अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों में तेज वृद्धि करने के रुख से एशियाई बाजार के कमजोर रुख से निराश निवेशकों की आईटी, टेक, वित्त, दूरसंचार, बैंकिंग और रियल्टी समेत चौदह समूहों में बिकवाली से शेयर बाजार में सोमवार को हाहाकार मच गया। सेंसेक्स 1172.19 अंक लुढ़ककर करीब एक माह के निचले स्तर और 58 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 57,166.74 अंक और निफ्टी 302.00 अंक का गोता लगाकर 17,173.65 अंक पर रहा।

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के तत्काल बंद होने की कोई उम्मीद नहीं दिखने और इसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था और कमोडिटी के प्रभावित होने के अनुमानों की वजह से मंगलवार को शेयर बाजारों में बिकवाली जारी रही जिससे सेंसेक्स 703.59 अंक टूटकर 57 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 56463.15 अंक और निफ्टी 215 अंक फिसलकर 16958.65 अंक पर रहा।

वहीं, वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुझान के बीच स्थानीय स्तर पर ऑटो, ऊर्जा और तेल एवं गैस समेत तेरह समूहों में हुई लिवाली से बुधवार को शेयर बाजार तेजी लौटी। सेंसेक्स 574.35 अंक की तेजी लेकर 57 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 57,037.50 अंक और निफ्टी 177.90 अंक मजबूत होकर 17,136.55 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह विदेशी बाजारों के मिलेजुले संकेत के बीच घरेलू शेयर बाजार में नीचे भाव पर हुई चौतरफा लिवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 874.18 अंक की छलांग लगाकर 57911.68 अंक और निफ्टी 257.80 अंक उछलकर 17394.35 अंक पर पहुंच गया।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दरों में आधे प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के संकेत से वैश्विक बाजार में आई गिरावट के दबाव में स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली से घरेलू शेयर बाजार ने शु्क्रवार को पिछले लगातार दो दिन की तेजी गंवा दी। सेंसेक्स 714.53 अंक का गोता लगाकर 57197.15 अंक और निफ्टी 220.65 अंक टूटकर 17171.95 अंक पर आ गया।

वार्ता

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