शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक
नयी दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार की ओर से संसद भवन में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने बेरोज़गारी, महंगाई, पेट्रोल डीजल के दाम, सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाने समेत 10 विषय उठाए हैं।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की ओर से बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक जारी है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,राज्य सभा मे सदन के नेता पीयूष गोयल समेत कई विपक्षी दलों के नेता इस बैठक में पहुंचे हैं। विपक्षी दलों से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, आनंद शर्मा,बहुजन समाज पार्टी से सतीश चंद्र मिश्रा, तृणमूल से सुदीप बंदोपाध्याय, डेरेक ओ ब्रायन, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति पारस, अपना दल से अनुप्रिया पटेल, आप आदमी पार्टी से संजय सिंह, द्रविड़ मुनेत्र कनगम से त्रिची सिवा, वाईएसआर कांग्रेस से विजय साई रेड्डी समेत कई दलों के नेता शामिल हुए।
तृणमूल की ओर से उठाए गए अन्य मुद्दों में संघीय ढांचे को कमजोर किए जाने, लाभदायक सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश बंद होने, पेगासस जासूसी मामले, कोविड की स्थिति, महिला आरक्षण विधेयक जैसे विषय शामिल हैं।
शीतकालीन सत्र के लिए सरकार ने 26 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी पर और तीन कृषि कानूनों को वापस लेने वाला विधेयक भी शामिल है। भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) ने सरकार के समर्थन के लिए दोनों सदनों में अपने सदस्यों को उपस्थित रहने के लिए पहले ही व्हिप जारी कर दिया है। भाजपा संसदीय कार्य समिति भी आज एक अलग बैठक करेगी।
शीतकालीन सत्र से पहले राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी शाम को सदन में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक के दौरान वह संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में सुचारू काम-काज सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवम्बर से 23 दिसम्बर तक चलेगा।