अडानी ने गत साल के मुकाबले 15 रुपये किलो गिराए सेब के दाम, खरीद शुरू

अडानी ने गत साल के मुकाबले 15 रुपये किलो गिराए सेब के दाम, खरीद शुरू
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शिमला। हिमाचल में सेब खरीद करने वाली सबसे बड़ी कंपनी अडानी एग्रो फ्रेश लिमिटेड ने बीते सालों के मुकाबले इस सीजन के लिए सेब खरीद के दाम रिकार्ड 15 रुपये किलो तक गिरा दिए हैं। साल 2023 में कंपनी ने सेब खरीद के दाम 95 रुपये किलो घोषित किए थे, लेकिन इस बार टॉप क्वालिटी सेब महज 80 रुपये किलो खरीदा जा रहा है।

कंपनी की मनमानी से प्रदेश के बागवानों में रोष है। मंडियों में इन दिनों बढ़िया किस्म के सेब का औसत रेट 120 से 140 रुपये किलो चल रहा है।

अडानी कंपनी ने इस साल सेब खरीद करीब 15 दिन देरी से शुरू की है। आमतौर पर सबसे पहले अडानी कंपनी सेब के रेट घोषित करती थी, अन्य निजी कंपनियां अदाणी के बाद रेट तय करती थीं। इस बार देवभूमि कोल्ड चेन के बाद अडानी ने सेब खरीद शुरू की और बागवानों को सेब के रेट भी देवभूमि कंपनी के बराबर ही दिए जा रहे हैं। हर साल अडानी कंपनी रेट घोषित करने के बाद व्यापक प्रचार प्रसार करती थी, खरीद केंद्रों पर बड़े बड़े बैनर लगाकर रेट प्रदर्शित किए जाते थे और सोशल मीडिया पर भी खूब प्रचार प्रसार होता था। इस बार कंपनी ने बिना किसी पूर्व सूचना के सेब खरीद शुरू कर दी है। कंपनी की इस नीति को दामों में की गई भारी गिरावट से जोड़ कर देखा जा रहा है।

अडानी की ओर से सेब खरीद के दामों में की गई 15 रुपये कटौती पर सेब उत्पादक संघ ने कड़ी नाराजगी जताई है। संघ के प्रदेश संयोजक सोहन सिंह ठाकुर का कहना है कि सरकार से करोड़ों रुपये अनुदान लेकर निजी कंपनियों ने अपने सीए स्टोर स्थापित किए हैं और अब बागवानों के शोषण पर उतारू हो गई हैं। सोमवार को ठियोग में बैठक कर इन कंपनियों की मनमानी के खिलाफ रणनीति तय की जाएगी।

उधर संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान ने भी कंपनियों द्वारा किए जा रहे शोषण का मामला सरकार के समक्ष उठाने की बात कही है।

वार्ता

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