देशी इंजीनियरिंग का कमालः आकर्षण का केन्द्र बनी अजीबो- गरीब स्कूटी
मुजफ्फरनगर। सड़कों पर दौड़ रही एक अजीबो-गरीब स्कूटी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। लोगों की नजर जैसे ही इस पर पड़ती है, तो वे उसे देखने लगते हैं। इस स्कूटी में जहां भगवान की प्रतिमा को स्थापित किया गया है, वहीं भीमराव अम्बेडकर की पेंटिंग भी लगी हुई है। इस स्कूटी पर बैठने के बाद न तो वर्षा का डर है और न ही तेज हवाओं के प्रहार ही सताते हैं।
जानसठ रोड पर आज एक अजीबोगरीब स्कूटी दिखाई दी, जिसे लोग बड़ी ही आश्चर्य से देख रहे थे। उक्त स्कूटी का कायाकल्प गांव बीबीपुर के रहने वाले महकार सिंह ने किया। इस स्कूटी के चारों ओर लोहे के रेलिंग से झोपड़ी का आकार दिया गया था। उक्त रेलिंग के सहारे तिरपाल और मोटी पाॅलीथिन को लगाया गया था। इस ढांचे की छत को अच्छी तरह से मोटी पाॅलीथिन से कवर किया गया है और नीचे की साईड में लकड़ी के फट्टे लगाये गये हैं, जिससे कि सामान रखने के लिए अच्छी जगह बन सके।
इस आकर्षक झोपड़ी आकार में भगवान की प्रतिमा स्थापित की गई है। बाहर फ्रंट की साईड में डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की पेटिंग बनाई गई है और जय भीम लिखा गया है। अंदर और बाहर की साईड में शीशे लगाये गये हैं, जो कि इसे और भी आकर्षक लुक प्रदान कर रहे हैं।
जब इस स्कूटी का कायाकल्प करने वाले लगभग 60 वर्षीय महकार सिंह से इस तरह की विशेष स्कूटी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि इस स्कूटी के कई फायदे हैं। इसमें भगवान की प्रतिमा है, तो यदि कोई तेज गति से आ रहा हो, तो वह भी अचानक रुक जाता है। भगवान की कृपा से दुर्घटना का कोई भय नहीं रहता है। तेज हवाएं यदि चलें, तो उनका कोई भय नहीं रहता है। बारिश हो जाये, तो भीगने का कोई खतरा नहीं है। बीमार व्यक्ति को खराब मौसम में भी चिकित्सक के यहां ले जाया जा सकता है।
इस स्कूटी की खूबी है यह है कि इस चलाते वक्त न तो मच्छर लगते हैं और न ही आंखों में धूल लगने का खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि वे गांव में परचून की दुकान करते हैं। वे बाजार से परचून की दुकान का सामान लेने के लिए आये थे। कुछ भी हो, जो महकार सिंह ने किया वह बेजोड़ इंजीनियरिंग का कमाल है। आईडिया तो बहुत से लोगों के मन में आते हैं, लेकिन उन आईडियाज को साकार रूप बहुत ही कम लोग दे पाते हैं। महकार सिंह ने अपने आईडिये को साकार रूप देकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
रिपोर्टः प्रवीण गर्ग