भूख से बिलखते पशु व बंदरों के भोजन को SP नेता आए आगे
मुजफ्फरनगर। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए आंशिक लॉकडाउन में इंसान सिर्फ अपने बारे में सोच रहा है। जबकि धरती के ऊपर रहने वाले सभी जीव जंतुओं के पालन पोषण की जिम्मेदारी इंसान को सौंपी गई है। वह बात अलग है कि यह जिम्मेदारी कुछ प्रत्यक्ष है तो कुछ अप्रत्यक्ष है। कुछ पशु ऐसे हैं जिनकी जिम्मेदारी प्रत्यक्ष रूप से मनुष्य को दी गई है। लेकिन लॉकडाउन की बंदिशों और महामारी की आपाधापी में किसी को किसी की भी फिक्र नहीं रह गई है। ऐसे हालातों के बीच समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष और खतौली विधानसभा क्षेत्र से पूर्व सपा प्रत्याशी श्यामलाल बच्ची सैनी ने आगे आते हुए पशुओं के खाने पीने की व्यवस्था की है।
आम जनमानस कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के रूप में आई महामारी की आपदा को झेल रहा है। कोरोना की रफ्तार को थामने के लिए लगाए गए आंशिक लाॅकडाउन की बंदिशे इंसान को घरों के भीतर रोके हुए हैं। जिसके इधर-उधर सड़कों पर विचरण करती हुई घूमने वाली गाय और बंदरों के खाने पीने समस्या उत्पन्न हो गई है। बोलने में असमर्थ निरीह पशु पक्षी भूख से व्याकुल होते हुए चारे आदि की तलाश में इधर से उधर भटक रहे हैं। लेकिन कोई भी इन निरीह पशुओं की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।
ऐसे विकट हालातों के बीच पिछले लगभग 1 सप्ताह से समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं खतौली विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी श्यामलाल बच्ची सैनी क्षेत्र भर के बंदरों के अलग-अलग झुण्ड को केले व चने तथा गुड़ आदि खिला रहे हैं। ताकि इस वैश्विक महामारी में भूखे मर रहे बंदरों को भरपेट भोजन मिल सके। श्यामलाल बच्ची सैनी का कहना है कि वह आवारा पशुओं के लिए भी चारे व पेयजल की विशेष व्यवस्था करा रहे हैं। उनका प्रयास है कि किसी तरह से यह निरीह पशु पक्षी कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी के बीच चारे पानी के अभाव में मरने से बच जाएं। सपा नेता श्यामलाल बच्ची सैनी के इन सतत प्रयासों की क्षेत्र भर में मुक्त कंठ से प्रशंसा हो रही है।