रात में आई विपत्ति में पुलिस बनी देवदूत
मुजफ्फरनगर। पुलिस शब्द जेहन में आते ही इंसान के दिलों दिमाग में तरह-तरह के ख्याल आते हुए छवि बनने बिगडने लगती है। विपत्ति वह भी रात में आये और पुलिस किसी देवदूत की तरह सहारा बने,तो निश्चित ही उसकी सराहना के लिए ढूंढे से भी शब्द नही मिलते और इंसान केवल धन्यवाद ही कह पाता है। मुजफ्फरनगर पुलिस की लगातार बेहतर छवि बनाने में जुटी डायल-112 पुलिस ने बीती रात संकट में फंसे कार सवारों की मदद कर उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचने में सहायता कर अपनी उपलब्धि में एक और सितारा जोड लिया।
दरअसल बीती देर रात हरियाणा के गुडगांव निवासी पति-पत्नी हरिद्वार जा रहे थे। हवा से बाते करती कार हाईवे पर दौडती हुई अपनी मंजिल की तरफ बढ रही थी। अभी दम्पत्ति ने मुजफ्फरनगर पार किया ही था कि धडाम की आवाज के साथ कार का टायर फट गया। वह भी ऐसी जगह जहां घनघोर अंधेरा था। दम्पत्ति ने घडी देखी तो रात के लगभग दो बजे थे। पति हिम्मत बटोरकर नीचे उतरा और टायर के हालात देख नट-बोल्ट खोलकर स्टपनी बदलने की कोशिशें करने लगा। कार में पडी स्टपनी उठाई तो उससे हवा नदारद थी। उधर कार में बैठी पत्नी वातावरण में मौैजूद घनघोर अंधेरे को देखकर अपनी और पति की जान की खैर को लेकर बुरी तरह से परेशान थी। जब उसे पता चला कि स्टपनी में हवा नही है तो उसके चेहरे पर बुरी तरह से हवाईयां उडने लगी। ऐसे में पति को 100 नंबर की याद आई और उसने झट से अपना मोबाईल फोन निकाला और दूसरी तरफ से आवाज आने पर मदद की गुहार लगाई।
अक्सर रात में सोने के आरोप झेलने वाली पुलिस की यूपी- 100 पीआरवी- लोकेशन पता कर थोडी ही देर में दम्पत्ति के पास पहुंची और परेशानी ज्ञात कर उनकी मदद करने लगी। पुलिसकर्मियों ने जब कार की स्टपनी बदलने में मदद की कोशिश की तो पता चला कि उसमें तो हवा ही नही है। पुलिसकर्मी अपनी गाडी में स्टपनी डालकर मुजफ्फरनगर आयें और उसमें हवा डलवाकर वापिस लौटते हुए कार में लगाया। कार को सडक पर दौडने लायक देख पति-पत्नी के चेहरे पर मुस्कान लौटी। दम्पत्ति को मदद की एवज में जब प्रशंसा के शब्द नहीं मिले तो वह केवल हाथ जोडकर पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए हरिद्वार की तरफ रवाना हो गए।