जिला अस्पताल के गेट पर जाम की नहीं किसी के पास कोई दवा
मुजफ्फरनगर। जनपद के विभिन्न कस्बों व देहात के इलाकों से पहुंचने वाले लोगों का इलाज करने में माहिर जिला अस्पताल खुद गेट पर लगने वाले जाम से निजात की दवा ढूंढ रहा है। लेकिन अभी तक पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी जिला अस्पताल को जाम से निजात की मुकम्मल दवा उपलब्ध नहीं करा सके हैं। जिसके चलते अस्पताल में आने जाने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को तपती धूप में पसीना पसीना हो कर निकलना पड़ता है।
दरअसल जिला मुख्यालय पर स्थित जिला अस्पताल में जनपद भर के लगभग सभी कस्बों व देहात के क्षेत्रों से रोजाना अनगिनत लोग अपना उपचार कराने के लिए आते हैं। शहरी क्षेत्र के लोगों का भी बीमारी से निजात के लिए पूरे दिन जिला अस्पताल में तांता लगा रहता है। इसके अलावा जनपद के शहरी व कस्बाई क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से भी गंभीर रोगियों को इमरजेंसी के हालात में जिला चिकित्सालय रेफर किया जाता है। लेकिन जिला मुख्यालय पर पहुंचते ही लोगों को दवा और इलाज से पहले गेट पर लगे रहने वाले जाम से जूझना पड़ता है। अस्पताल के गेट के बाहर डग्गामार वाहनों के अलावा रेहडी ठेली वालों का जमावड़ा लगा रहता है। इसके अलावा अस्पताल गेट पर दो पहिया व चार पहिया वाहन भी बेतरतीब ढंग से खड़े कर दिए जाते हैं। जिससे आने जाने का रास्ता अवरूद्ध हो जाता है। हालांकि जिला अस्पताल की इमरजेंसी के बराबर में ही कानून, शांति और सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस चौकी स्थापित की गई है। लेकिन वह जिला अस्पताल के गेट पर लगने वाले जाम से आमतौर पर अनभिज्ञ सी रहती है। कई बार इसका पता लगने के बाद भी पुलिस इसे खुलवाने के प्रयास नहीं करती है। शनिवार को भी जिला अस्पताल के गेट पर कुछ ऐसे ही हालात रहे और लोग भारी गर्मी के बीच अस्पताल के भीतर पहुंचने और बाहर आने के लिए जाम से बुरी तरह जूझते रहे। इस दौरान जिला अस्पताल की कई गाड़ियां भी जाम में फंसी रही। जिसका सीधा असर अस्पताल की व्यवस्था पर पड़ा। जिला अस्पताल पर लगने वाले जाम से निजात के लिए पता नहीं कब से पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर काफी कोशिशें चल रही है। पता नही कितने पुलिस और प्रशासनिक अफसर आए और गये। स्वास्थ्य विभाग में भी भारी फेरबदल हुए। लेकिन जिला अस्पताल के गेट पर लगने वाले जाम से अभी तक निजात नहीं मिल सकी है।