जमीन माफिया के खिलाफ मास्टर विजय सिंह के धरने को 25 साल पूरे

जमीन माफिया के खिलाफ मास्टर विजय सिंह के धरने को 25 साल पूरे

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजप्फरनगर में भ्रष्टाचार व भू माफियाओं के विरुद्ध मास्टर विजय सिंह का धरने आज २५ वर्ष पूरे कर दुनिया का सबसे लंबा धरना (अहिंसात्मक सत्याग्रह ) बन गया है ।

सबसे बड़ा सवाल यह कि सरकारों का ध्यान भीड़ तंत्र व हिंसात्मक आंदोलनों पर ही जाता है अहिंसात्मक आंदोलन पर नहीं ।इसका उदाहरण मास्टर विजय सिंह का 25 साल का आंदोलन है। धरना 26 फरवरी 1996 से जिलाधिकारी कार्यालय मुजफ्फरनगर से प्रारंभ हुआ था, जो आज 25 साल पूरे कर चुका है । इन 25 साल में वर्तमान सरकार तथा पूर्व की सरकारें कई जांच करा चुकी है । जांच रिपोर्टों में मास्टर विजय सिंह के आरोप सही पाए गए।

8 अक्टूबर 2019 को मास्टर विजय सिंह ने जनपद शामली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा में ज्ञापन दिया था जिस पर योगी ने अधिकारियों को निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह वह रक्षा मंत्री राजनाथ को भी ज्ञापन प्रेषित किए थे जिन पर जिलाधिकारी शामली ने उप जिला अधिकारी ऊन के द्वारा जांच की गई रिपोर्टों में मास्टर विजय सिंह के आरोप सही पाए गए ।

बकौल मास्टर विजय सिंह भू माफिया जिस पार्टी की भी सरकार सत्ता में आती है उसी में चले जाते हैं । फल स्वरूप राजनीतिक दबाव व भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी के कारण अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पाते। जांच रिपोर्ट ठंडे बस्ते में पड़ी रहती है । मास्टर विजय सिंह ने अपने गांव चैसाना की चार हजार बीघा सार्वजनिक भूमि व अन्य सम्पत्ति (अनुमानित कीमत ६०० करोड़ रूपये ) पर शोध कर जनहित में घोटाला खोला है । जनपद शामली व मुजफ्फरनगर की छह लाख बीघे सार्वजनिक भूमि (तालाब, वन, ग्राम सभा तथा अन्य भूमि) को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की मांग कर रहे हैं। दुखद यह है कि दबंगों व भूमाफियाओं ने गांव, टाउन एरिया व नगर पालिका में सार्वजनिक भूमियों पर अवैध कब्जा कर रखा है जिसे मुक्त कराने के लिए मास्टर विजय सिंह आन्दोलन चला रहे हैं। विभिन्न जांचों में मास्टर विजय सिंह के आरोप भी सही पाये गये जिसमें 300 बीघा भूमि प्रशासन द्वारा भूमाफियाओं के अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई। तीन हजार दो सौ बीघा भूमि पर जाँच में घोटाला साबित हो चुका है तथा 136 मुकदमे भी राजस्व अभिलेखों में हेरा-फेरी के दर्ज हुए तथा 81 हजार रुपये दण्ड स्वरूप राजकोष में जमा हुए।

राजनीतिक हस्तक्षेप व भ्रष्टाचार के कारण भूमाफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई जिसकी वजह से मास्टर विजय सिंह पिछले 25 सालों से जद्दोजहद कर रहे हैं।

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