बैंकों के बाद आज LIC दफ्तरों पर लटके ताले
मुजफ्फरनगर। सरकारी क्षेत्र में शुरू हुआ हडताल का दौर लगातार चल रहा है। दो दिनों तक बैंकों के बंद रहने के बाद भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी आज हड़ताल पर चले गए हैं। इससे दफ्तरों पर ताले लटके दिखाई दे रहे हैं। कर्मचारियों ने हड़ताल का रास्ता विनिवेश से जुड़े सरकार के प्रस्ताव के विरोध में अख्तियार किया है।
बृहस्पतिवार को भारतीय जीवन बीमा निगम के दफ्तरों पर ताले लटक गए। एलआईसी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की वजह से दफ्तरों में रहने वाली लोगों की आवाजाही पर बृहस्पतिवार को विराम लगा रहा। भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी सरकार के विनिवेश से जुड़े प्रस्ताव के विरोध में हड़ताल पर उतर गए हैं। सरकार के मालिकाना हक वाले इंश्योरेंस कारपोरेशन की शुरुआत वर्ष 1956 में हुई थी और भारतीय जीवन बीमा निगम में इस समय लगभग 114000 कर्मचारी कार्यरत हैं। साथ ही एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स की संख्या 29 करोड़ से भी ज्यादा है।
गौरतलब है कि वर्ष 2021 के आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी की एलआईसी का आईपीओ लाया जाएगा। उन्होंने पीएसयू और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस में हिस्सेदारी बेचकर 1.75 लाख करोड रुपए जुटाने का विनिवेश लक्ष्य रखा था। आईडीबीआई बैंक के अलावा दो पब्लिक सेक्टर के बैंक और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार की विनिवेश योजना का हिस्सा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि विनिवेश से मिली रकम का इस्तेमाल सरकार सोशल सेक्टर और डेवलपमेंट प्रोग्राम्स की फाइनेंसिंग में करेगी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले महीने संसद में पेश किए गए। आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के 2 बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा है। सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में विनिवेश के माध्यम से बड़ी राशि जुटाने का प्रस्ताव किया है। सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक में अपनी अधिकांश हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है। पिछले 4 सालों में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का सरकार की ओर से विलय किया जा चुका है। सोमवार और मंगलवार को दो दिनों तक पीएसयू बैंक बंद रहे थे।