स्वास्थ्य विभाग की कोरोना टीकाकरण की तैयारियां जोरो पर
मुजफ्फरनगर। कोविड वैक्सीनेशन के लिए केंद्र सरकार से गाइड लाइन जारी होने के बाद जिले में ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू हो गये हैं। शासन स्तर से ट्रेनिंग के बाद जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. प्रवीण चोपड़ा समेत 15 मास्टर ट्रेनर बनाए गए हैं, जो स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सा अधीक्षकों को ट्रेनिंग देंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में 185 वैक्सीनेटर बनाए गए हैं। जिले को तीन नये आईएलआर (आईस लाइन रेफ्रिजरेटर) मिले हैं। इनमें वैक्सीन को सुरक्षित रखा जाएगा।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ. राजीव निगम ने बताया पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगेगी, इनमें सरकारी व गैरसरकारी चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ शामिल है। करीब 6000 लोगों की सूची तैयार की गई है, जिनको वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए जिले में चल रही तैयारियां अंतिम चरण में हैं। केंद्र सरकार की ओर से वैक्सीनेशन को लेकर गाईड लाईन जारी होने के बाद शासन स्तर से ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। जिले में ट्रेनिंग के लिए 15 मास्टर ट्रेनर बनाए गए हैं। इनमें सीएमओ, डीआईओ, एसीएमओ और डब्ल्यूएचओ व यूनीसेफ के प्रतिनिधि, चिकित्सक भी शामिल हैं। 61 वैक्सीनेटर्स को शुक्रवार (18 दिसम्बर) को ट्रेनिंग दी जाएगी। चिकित्सा अधीक्षक केंद्र में बनाए गए वैक्सीनेटर्स को ट्रेनिंग देंगे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग वैक्सीनेशन के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
एक सेंटर पर होगा 100 लोगों का वैक्सीनेशन :
वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार गाईड लाईन में कहा गया है कि एक सेंटर पर एक दिन में 100 से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन नहीं किया जाएगा। वैक्सीन से यदि कोई रिएक्शन होता है तो उसे कवर करने के लिए कमैटी का गठन भी कर दिया गया है। इस कमैटी में चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ को नियुक्त किया गया है। कमैटी जिले में वैक्सीनेशन के लिए बनाए गए सभी केन्द्रों पर एक-एक टीम को तैनात करेगी।
11 केंद्रों पर होगा वैक्सीनेशन :
जिले में वैक्सीनेशन के लिए 11 केंद्र बनाए गए हैं। सभी केंद्रों पर वैक्सीनेशन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी केंद्रों पर कोल्ड चेन भी बना दी गई है।
स्पेशल सीरिंज का होगा प्रयोग :
अधिकारियों के अनुसार कोरोना वैक्सीनेशन के लिए स्पेशल सीरिंज का प्रयोग होगा। यह सीरिंज ऑटो डिसेबल्ड होंगी, जो एक बार के प्रयोग के बाद दोबारा प्रयोग नहीं हो सकेंगी।