जिला पंचायत अध्यक्ष-BJP दो अंको में तो संयुक्त विपक्ष चौके में निपटा
मुजफ्फरनगर। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के परिणामों में संयुक्त विपक्ष भाजपा की ओर से की गई चहुंओर की नाकेबंदी और सजाई गई शानदार फील्डिंग के चलते केवल एक चौका लगाकर ही वापस लौट गया। जबकि भाजपा उम्मीदवार शानदार बैटिंग करते हुए दोहरे अंकों में पहुंच गए। जिसके चलते संयुक्त विपक्ष को भाजपा के हाथों करारी हार झेलने को विवश होना पड़ा।
शनिवार का दिन भारतीय जनता पार्टी के लिए जनपद में एक और खुशी का पैगाम लेकर आया। हाल ही में पिछले दिनों हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के सामने महज 13 जिला पंचायत सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा के पक्ष में आज मतदान के दिन 2 दर्जन से भी अधिक जिला पंचायत सदस्य खड़े हुए मिले। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणामों के मुताबिक भाजपा के 13, सपा के चार, आजाद समाज पार्टी छह, बसपा के दो, कांग्रेस का एक, भाकियू का एक तथा रालोद के 3 सदस्य विजयी बताए गए थे। इसी के चलते इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद विपक्ष के खाते में बताया जा रहा था। लेकिन जब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई तो जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी केंद्रीय राज्यमंत्री डा संजीव बालियान के हाथों में सौंपी गई। उधर विपक्ष एकजुटता दिखाते हुए अपनी तैयारियों में लगा रहा। भारतीय जनता पार्टी की ओर से डॉक्टर वीरपाल निर्वाल को अपना जिला पंचायत अध्यक्ष पद उम्मीदवार घोषित कर दिया। लेकिन विपक्ष एक राय होते हुए अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर सका।
हालांकि आजाद समाज पार्टी की ओर से पूर्व जिला पंचायत सदस्य सईदुजमा की पत्नी को अपना उम्मीदवार बनाते हुए उनका नाम घोषित कर दिया गया तो संयुक्त विपक्ष में फूट के आसार दिखाई देने लगे। बाद में 6 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित कराने का दावा करने वाली आजाद समाज पार्टी अन्य दलों का साथ नहीं बना पाई। जिसके चलते संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार का फैसला भारतीय किसान यूनियन की राजधानी सिसौली में आयोजित की गई बैठक में हुआ। जहां भाकियू सुप्रीमो चैधरी नरेश टिकैत ने भाकियू के जिला पंचायत सदस्य सत्येंद्र बालियान को संयुक्त विपक्ष का उम्मीदवार घोषित करते हुए तय किया कि आधे कार्यकाल सत्येंद्र बालियान जिला पंचायत अध्यक्ष रहेंगे तो आधा समय आजाद समाज पार्टी के हाथों में होगा। इधर भाजपा और संयुक्त विपक्ष के बीच जोर आजमाइश शुरू हो गई। जिसके चलते रालोद ने अपने जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 8.00 तक पहुंचा दी। लेकिन अन्य दल निर्दलीय रूप से जीते जिला पंचायत सदस्यों को अपने पाले में खींचकर लाने में कामयाब नहीं हो सके। उधर भाजपा की ओर से जीत की कमान संभालने वाले डॉक्टर संजीव बालियान ने अपने प्रयास शुरू करते हुए निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने पाले में खींचना शुरू कर दिया। हद तो उस समय हो गई जब समाजवादी पार्टी द्वारा अपनी समर्थित जिला पंचायत सदस्य बताई जा रही सपा युवजन सभा के सदर विधानसभा अध्यक्ष मौहम्मद नियाज की भाभी जरीन मखियाली भी एक ही झटके में टूटकर भाजपा के पाले में खड़ी हो गई। शनिवार को मतदान के दौरान भाजपा और संयुक्त विपक्ष के बीच कहीं भी खींचतान होती हुई देखने को नहीं मिली। शुरूआत में खुद को एकजुट होकर बाहर से खुद को मजबूत दिखाने वाले संयुक्त विपक्ष के मुकाबले जब एक ही झटके में भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर वीरपाल निर्मल समर्थक 27 जिला पंचायत सदस्य कचहरी पहुंचे तो बाहर से मजबूत दिखाई दे रहा संयुक्त विपक्ष भीतर से खोखला दिखाई दिया और भाजपा की जीत सुनिश्चित हो चली। इतनी भारी संख्या में भाजपा के वोटरों को एक साथ देखकर विपक्ष में सन्नाटा पसर गया और उसने पुलिस व प्रशासन पर धांधली का आरोप लगाते हुए हंगामा कर चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी। अपराह्न 3.00 बजे के बाद हुई मतगणना में संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी सत्येंद्र बालियान के पास महज चार जिला पंचायत सदस्यों का समर्थन खड़ा हुआ नजर आया। जबकि भाजपा उम्मीदवार डॉक्टर वीरपाल निर्वाल के पक्ष में 30 जिला पंचायत सदस्यों का भारी बहुमत मिला। प्रशासन द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर वीरपाल निर्वाल को 30 और संयुक्त विपक्ष के सत्येंद्र बालियान को 4 मत हासिल हुए। जिसके चलते भाजपा उम्मीदवार डॉ वीरपाल निर्वाल को 26 मतों के भारी अंतर से विजई घोषित कर दिया गया। चुनाव परिणाम की विधिवत घोषणा होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने नए जिला पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर वीरपाल निर्वाल को फूल मालाओं से लाद दिया। भारी संख्या में इकट्ठा हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने नए जिला पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर वीरपाल निर्वाल को अपने कंधों पर उठा लिया और नारेबाजी करते हुए अपनी खुशी का इजहार किया।