सेना प्रमुख ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर मजबूत भूमिका को किया स्वीकार
नई दिल्ली। सेना दिवस के मौके पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने चीन को नसीहत देते हुए कहा कि वह भारत के इम्तिहान का सब्र न लें। वहीं दूसरी ओर उन्होंने मित्र देशों के सुरक्षा सलाहकारों से वार्ता की और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर भारत की मजबूत भूमिका को स्वीकार किया।
भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच आज सेना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित दिग्गजों ने शिरकत करते हुए जवानों की वीरता को सलाम किया। इस दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मित्र देशों के सुरक्षा सलाहकारों से लम्बी बातचीत की। उन्होंने कहा कि भारत द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और संबंधों को मजबूत करने में अपनी मजबूत भूमिका का निर्वहन हमेशा करता रहेगा।
वहीं सेना प्रमुख ने पड़ौसी देश चीन को भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि वह भारत के सब्र का इम्तिहान न लें। उन्होंने कहा कि गलवान में जान गंवाने वाले जवानों का बलिदान किसी भी हालत में व्यर्थ नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से ही बातचीत के जरिये मसलों का समाधान करने का पक्षधर रहा है। किसी को भी भारत के सब्र का इम्तिहान लेने की गलती नहीं करनी चाहिए।