कर्फ्यू में केवल महिलाओं को छूट- किराना दुकानों पर लगी भीड़

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के हिंसा ग्रस्त खरगोन जिला मुख्यालय पर आज दो बार कर्फ्यू में ढील दिए जाने के दौरान महिलाओं ने जमकर खरीदारी की।
जिला कलेक्टर अनुग्रह पी ने बताया कि 10 अप्रैल (रामनवमी) की सायं जुलूस पर पथराव के उपरांत हिंसा भड़कने के चलते खरगोन जिला मुख्यालय पर कर्फ्यू लगा दिया गया था। स्थिति बेहतर होने के बात वरिष्ठ नागरिकों की बैठक में हुए निर्णय के मुताबिक आज सुबह 10 से 12 तथा अपरान्ह 3 से 5 बजे तक कर्फ्यू में केवल महिलाओं को छूट दी गयी।
उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्हें वाहन उपयोग करने की छूट नहीं थी और किराना दूध सब्जी तथा दवाइयों की दुकानों को ही खोला गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि इमरजेंसी सेवाओं के लिए वाहनों के उपयोग की छूट बरकरार रहेगी। उन्होंने हिंसा के चलते लोगों के पलायन करने और मकान बेचे जाने सूचना चस्पा करने की खबर को गलत बताया।
जिला कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने स्वयं कल हिंसा प्रभावित 5 क्षेत्रों में जाकर नागरिकों से चर्चा की है और महिलाओं ने सकारात्मक रूप से विश्वास दिलाया कि वे अपना स्थान बिल्कुल नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि 'फीयर फैक्टर' के कारण थोड़े समय के लिये रिश्तेदारों के घर जाने कुछ मामले जरूर हुए हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन की लगातार मॉनिटरिंग सख्ती से जारी होने के चलते वह भी अब आश्वस्त हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं के बाद अफवाहों का दौर अवश्य चलता है, लेकिन नागरिकों को इन पर विश्वास नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों के चलते पूरे समाज को दोषी ठहराना ठीक नहीं है। खरगोन जिला मुख्यालय पर आज किराने की दुकानों पर लंबी कतारें देखी गई। महिलाओं का कहना था कि छोटे बच्चों को दूध बिस्किट नहीं मिलने के चलते परेशानी हो रही थी। इसके अलावा प्रतिदिन ठेला लगाकर व्यवसाय करने वालों का भी राशन समाप्त हो गया था।
उधर, खरगोन जिले के सनावद में कुछ संगठनों के कार्यकर्ताओं ने खरगोन तथा सेंधवा में हिंसा की घटना करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
वार्ता