ना दूल्हा घोड़ी चढ़ा-ना बजा बैंड बाजा और लो हो गई शादियां

नई दिल्ली। शादी को लेकर दूल्हे के साथ साथ दुल्हन के मन के भीतर भी अनेक तरह के अरमान होते हैं। जिन्हें पूरा करने के लिए माता पिता पूरे जोर लगा देते हैं। लेकिन कई मर्तबा हालात ऐसे विपरीत होते हैं कि शादी तो हो जाती है मगर उसका धूम धड़ाका देखने को नहीं मिल पाता है। कर्फ्यू के कारण पहले से तयशुदा शादियां तो हो रही है लेकिन इन शादियों में ना तो दूल्हा ही घोड़ी पर चढ़ा रहा है और ना ही भारी हर्ष ध्वनि और शोरगुल के बीच स्टेज पर दुल्हन अपने होने वाले जीवनसाथी के गले में जयमाला डाल पा रही है।
दरअसल रामनवमी पर्व के मौके पर निकाली जा रही शोभायात्रा के दौरान भड़की हिंसा के बाद मध्य प्रदेश का खरगोन शहर पूरी तरह से अशांत हो गया था। हालातों को काबू में करने के लिए प्रशासन की ओर से कर्फ्यू लगा दिया गया था, उसके बाद से अभी तक मौजूदा समय में चल रहे शादियों के सीजन की रोनक पूरी तरह से नदारद है। हालांकि प्रशासन द्वारा दी जा रही कर्फ्यू में छूट के दौरान एक शादी बिना धूमधाम के संपन्न हुई है। जिसमें ना तो दूल्हा घोड़ी चढ़ा और ना ही बैंड बाजे का धूम धड़ाका तथा आतिशबाजी की फुलझड़ियां देखने को मिली।
दुल्हन भी मंच पर अपने जीवन साथी के गले में जयमाला डालने से वंचित रह गई। हालात कुछ ऐसे बने कि तालाब चौक निवासी दूल्हे अमन वर्मा को प्रशासन की ओर से शहर के बाहर गाड़ी ले जाने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसे हालातों में दूल्हे अमन को बिना घोडी चढे ही पैदल चलकर दुल्हन लेने के लिए शहर के बाहर तक जाना पड़ा।
वह भी तब संभव हो सका जब आज सवेरे जिला प्रशासन की ओर से 8.00 से 12.00 बजे तक 4 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी। इसी दौरान दूल्हे राजा अपने घर वालों के साथ पैदल ही शादी करने के लिए निकले।