चुनाव में बिगड़े बड़ो-बड़ो के बोल, कोई बोले आइटम तो कोई करे जाति पर हमला
भोपाल। हमारे जनप्रतिनिधि हैं लेकिन उनके आचरण पर शर्म आती है। कोई महिला का आइटम बताता है तो कोई रखैल, इसके बाद भी कहते हैं कि नारी शक्ति को हम नमन करते हैं।
बिहार में विधाानसभा चुनाव होने जा रहे हैं तो कई राज्यों में उसी के साथ उपचुनाव होने वाले हैं। सबसे ज्यादा सीटों पर चुनवा मध्य प्रदेश में हो रहे हैं। इसलिए यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच चुनाव रागिनियां बज रही हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा की प्रत्याशी इमरती देवी को लेकर आइटम शब्द कह दिया। इस पर जमकर बवाल मचा। पहले तो कमलनाथ जी अपनी बात को सही साबित करते रहे लेकिन जब कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने अप्रसन्नता जतायी तो कमलनाथ जी ने माफी मांग ली। विवादित बयान का एपिसोड भाजपा की तरफ से भी शुरू हुआ। एक प्रत्याशी की दो पत्नियों को लेकर उन्होंने उपहासात्मक बयान दिया। यह राग धीमा पड़ा तो शिवराज सिंह चैहान के 14 मंत्रियों को हाईकोर्ट की नोटिस मिल गयी। सरकार के दो मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा है क्योंकि उनको मंत्री बने हुए 6 महीने से ज्यादा हो गये थे और वे विधानमण्डल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। इस पर चर्चा हो रही थी, तभी मध्य प्रदेश के चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह ने गीता के एक श्लोक का जिक्र किया जिसमें जातियों का महत्व बताया गया है। इस प्रकार मतदान होने तक कितने राग सुनने को मिलेंगें, कहा नहीं जा सकता। यह उपचुनाव एक पार्टी की सरकार गिरने के चलते हो रहे हैं और यही उपचुनाव सरकार को बचा भी सकते हैं और नयी सरकार बना भी सकते हैं।
मध्य प्रदेश में होने वाले उप-चुनाव से पहले एक बड़ी खबर सामने आ गयी। जानकारी के मुताबिक सीएम शिवराज सिंह चैहान कैबिनेट के 14 मंत्रियों को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। इस्तीफा देने वाले 14 विधायकों को मंत्री बनाए जाने के मामले में छिन्दवाड़ा की अधिवक्ता आराधना भार्गव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने इस प्रक्रिया को अनुचित बताया है। साथ ही याचिकाकर्ता ने सरकार के इस कदम कोअसंवैधानिक भी बताया। भार्गव ने कहा कि सरकार का ये कदम आर्टिकल 164(4) का उल्लंघन है। जिसके बाद याचिका में सभी 14 मंत्रियों के पद से निलंबन की मांग की गयी है। जानकारी के मुताबिक 14 दिसंबर को मामले पर अगली सुनवाई होगी। इस मामले में मध्य प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष और निर्वाचन आयोग समेत 14 मंत्रियों को नोटिस जारी हुए हैं।
मध्य प्रदेश में उपचुनाव में सभी 28 सीटों पर जीत के लिए राजनीतिक दल जोर आजमाइश कर रहे हैं। इसके तहत ही इंदौर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान का रोड शो सांवेर तहसील में हुआ। इस रोड शो में सोशल डिस्टेसिंग के अलावा मास्क व अन्य जरूरी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते बीजेपी नेता दिनेश भावसार पाए गए। इसके बाद प्रशासन ने दिनेश भावसार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। मध्य प्रदेश में उपचुनाव के प्रचार के दौरान नेताओं की जुबान भी फिसल रही है। पूर्व सीएम व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने एक सभा के दौरान मंत्री इमरती देवी को आइटम कह दिया। कमलनाथ के इस बयान के बाद सियासी भूचाल आ गया। सीएम शिवराज व बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ के इस बयान की निंदा की और 1 घंटे का मौन व्रत रखा। इसके अलावा कमलनाथ पर जमकर जुबानी तंज भी कसे गए। फिर आखिरकार कमलनाथ ने बयान पर अपनी सफाई दी और कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था।
राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ कई क्षेत्रीय दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में यहां से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां बिना विधायक बने छह महीने होने पर मध्य प्रदेश के दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने दोनों नेताओं के इस्तीफे स्वीकारते हुए राजभवन भेज दिए। बता दें कि दोनों ही नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुये थे। साथ ही इस बार के उपचुनाव भी लड़ रहे हैं। दरअसल, संवैधानिक प्रावधान है कि कोई भी मंत्री सदन का सदस्य बने बिना 6 महीने से ज्यादा समय तक मंत्रीपद पर बने नहीं रह सकता है। ऐसे में इसी प्रक्रिया के चलते दोनों नेताओं को इस्तीफा देना पड़ा।
उपचुनाव की बात करें तो सांवेर विधानसभा उपचुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी के तुलसीराम सिलावट और कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू के बीच है। हाल ही में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने नामांकन भरा तो वहीं, अगले दिन प्रेमचंद गुड्डू ने नामांकन दाखिल किया। दोनों ने ही नामांकन के साथ अपनी आय का शपथ पत्र भी दिया है। सांवेर से चार बार विधायक रहे मध्यप्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने अबकी बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया।
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की उपचुनाव में भूमिका को लेकर बीजेपी लगातार सवाल खड़ी करती रही है। बीजेपी ने आरोप लगाए कि उपचुनाव में कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को एक तरह से दरकिनार कर दिया है। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने बाद में चुनाव आयोग से जुड़े मामलों की जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह को ही सौंपी। इतना ही नहीं कुछ सीटों पर प्रचार का जिम्मा भी दिग्विजय सिंह को सौंपा गया है। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट किया है।
ट्वीट पर श्रीमद्भगवत गीता के एक श्लोक का पन्ना शेयर करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा- कृपया गीता के 18वें अध्याय का अवलोकन करें। दरअसल, इस अध्याय के एक श्लोक में जाति की पहचान के बारे में बताया गया है। इसमें बताया गया कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, शूद्र या अन्य जातियों का विभाजन किस आधार पर किया गया। यानी कि इनकी
पहचान कैसे की जा सकती है। चुनावी माहौल में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का यह ट्वीट चर्चा का विषय बना हुआ है।(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)