क्या बेंगलुरु बना ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए वाटरलू ?
इंदौर । अगर आपको लगता हे कि "कमलनाथ सरकार" 19-21 विधायको के बेंगलुरु चले जाने से गिर जायेगी ! तो आप राजनीति समझे ही नही... राजनीति मे जो विधायक बना हे उसे पता हे रणनिती क्या होती... वह सब चालाक लोगो को "बना कर" ही विधायक बना हे... ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास अंह के सिवा सब कुछ है ... वाास्तविकता में उसने अपने वफादारों को संदिग्ध बना दिया है... और कुछ नही, कांग्रेस के बागी विधायक समझ चुके है कि उनको बेंगलुरु भेज कर उनका "मौका परस्त्त आका ज्योतिरादित्य सिंधिया "केन्द्रीय मंत्रीमण्डल" मे जाने की चाल चल कर उनको मंझदार मे छोड़ चुका है !... जहाँ उनके भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है... इसलिए बेहतर हे कि मान सम्मान बरकरार रख कर काँग्रेस मे ही घर वापसी कर ली जाए..."कांग्रेस के बड़े नेताओं" ने एक बार मे ही, एक चाल से ज्योतिरादित्य सिंधिया को चारों खाने चित कर दिया है... और अपने बेटों के भविष्य को सुरक्षित कर दिया हे... मध्य प्रदेश मे बीजेपी के मामा 20-21 सीट वाले नेता को मुख्यमंत्री तो बनने देंगे नही !!!... 20-21 विधायकों के समर्थन वाले को अमित शाह और मोदी जेसे घाघ क्या घास डालेगे जिसका खुद का जनाधार उसका ड्राइवर उनको चुनाव मे हराकर खा चुका हो... ? ... यह देखने का विषय होगा ???
कही ऐेसा ना हो धोबी का कुत्ता ना घर का रहे ! ना घाट का !! विधायकों को बेंगलुरु भेजा जाना ज्योतिरादित्य सिंधिया वाटर लू बन गया है ।