किसानों को राहत, सहयोग और प्रोत्साहन देती रहेगी सरकार: शिवराज सिंह चौहान
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कृषि को लाभ का धंधा बनाकर किसानों की जिन्दगी बदलने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार निरंतर सक्रिय है। किसानों को राहत, सहयोग और प्रोत्साहन लगातार जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज यहां मिंटो हाल में किसानों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत मौसम आधारित उद्यानिकी फसल बीमा योजना के बीमा दावा राशि के 100 करोड़ रुपए 1 लाख 72 हजार किसानों के खाते में सिंगल क्लिक द्वारा अंतरित किए। मुख्यमंत्री किसान कल्याण निधि के अंतर्गत 1 लाख 75 हजार किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये की राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की गई। शुक्रवार को 5 लाख 70 हजार 298 किसानों को यह राशि जारी की गयी थी।
प्रदेश के 77 लाख किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ दिया जाना है। राशि अंतरण की प्रक्रिया सतत् जारी रहेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना के कारण आर्थिक संकट जरूर है पर जरूरत होने पर किसान को सहयोग करना पड़ा तो उधार लेकर भी राहत पहुंचायी जाएगी। किसानों का सुरक्षा कवच बना रहेगा। फसल बीमा योजना को और अधिक कृषक हितैषी व सुलभ बनाने के लिए इसका संचालन राज्य शासन की कंपनी से कराने और विभिन्न अनुदान की राशि सीधे किसान के खाते में जारी करने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चर्चा करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये प्रति किसान प्रदान किये जाते हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से अब प्रति वर्ष दो किश्तों में दो-दो हजार रुपये की सम्मान-निधि किसानों को उपलब्ध करायी जाएगी। इस प्रकार मध्यप्रदेश किसान सम्मान-निधि में प्रति वर्ष किसानों को 10 हजार रुपये प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को जमीनों की जानकारी सरलतापूर्वक उपलब्ध कराने के लिए राजस्व विभाग द्वारा बनाये गए 'सीमांक ऐप' का लोकार्पण भी किया। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि बिलों के प्रावधानों पर कृषकों से विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसान कल्याण के लिए समर्पित हैं। किसानों को हरसंभव सहायता और आगे बढ़ने के मौके उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने किसानों को फसल बेचने के लिए मंडी के साथ-साथ उपलब्ध कराये जा रहे अन्य विकल्पों, कृषि के क्षेत्र में अधोसंरचना विकास तथा अन्य प्रावधानों पर संवाद भी किया।