विवाद में हत्या और जानलेवा हमले में मां एवं दो बेटों को उम्रकैद

खूनी संघर्ष में एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत एवं दो लोगों के ऊपर जानलेवा हमला करने के मामले में दोषी पाई गई

Update: 2022-09-15 13:57 GMT

मुजफ्फरनगर। वर्ष 1999 की 19 अप्रैल को शामली जनपद के थाना झिंझाना क्षेत्र के गांव खोडसमा में खेत में खड़ी गेहूं की फसल को काटने को लेकर हुए खूनी संघर्ष में एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत एवं दो लोगों के ऊपर जानलेवा हमला करने के मामले में दोषी पाई गई आरोपी महिला एवं उसके दो बेटों को अदालत द्वारा आज उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। तीनों आरोपियों को अदालत द्वारा 35-35 हजार रुपए के जुर्माने के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।

बृहस्पतिवार को जिला अदालत में जिला सत्र एवं न्यायाधीश चतुर्थ गोपाल उपाध्याय की अदालत में वर्ष 1999 की 19 अप्रैल को शामली जनपद के थाना झिंझाना क्षेत्र के गांव खोडसमा में खेत में खड़ी गेहूं की फसल को काटने को लेकर हुई खूनी संघर्ष की वारदात में एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो जाने तथा 2 लोगों के ऊपर जानलेवा हमले के मामले की सुनवाई की गई। अभियोजन की ओर से एडीजीसी रेनू श्याम ने अदालत के सम्मुख आरोपियों को सजा दिलाने के लिए जोरदार पैरवी की।

विद्वान न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय ने मामले में आरोपी धन्नो एवं उसके दो बेटों ओमपाल एवं रामनिवास को दोषी पाते हुए तीनों को उम्र कैद की सजा सुनाई। अदालत ने तीनों दोषियों के ऊपर 35-35 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है।

अभियोजन की कहानी के मुताबिक वर्ष 1999 की 19 अप्रैल को शामली जनपद के थाना झिंझाना क्षेत्र के गांव खोडसमा में खेत में खड़ी गेहूं की फसल को काटने को लेकर दो पक्षों के बीच हुए खूनी संघर्ष की वारदात में किसान जरनैल सिंह के नौकर रंजीत की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि किसान के दो बेटे लखविंदर एवं विवेक गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

पीड़ित किसान जरनैल सिंह ने धन्नो पत्नी विशन एवं उसके दो बेटों ओमपाल एवं रामनिवास तथा विशन, चुन्नीलाल तथा रामशरण को नामजद किया था। सुनवाई के दौरान विशन, चुन्नीलाल एवं रामचरण की मौत हो गई थी।

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