संभल में बुलडोजर एक्शन को लेकर अवमानना की सुनवाई से कोर्ट का इनकार
आरोप है कि पीड़ित पक्ष को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था।;
नई दिल्ली। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल में बुलडोजर कार्यवाही को लेकर अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की डिमांड को लेकर दाखिल की गई याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करने से सुप्रीम इनकार कर दिया है। अदालत ने याचिका दायर करने वालों को उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना की सलाह दी है।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में मोहम्मद गयूर के वकील की ओर से संभल में अंजाम दिए गए बुलडोजर एक्शन को लेकर अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का मामला दायर करने के लिए दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिकाकर्ता मोहम्मद गयूर की ओर से पेश हुए वकील से कहा है कि वह इस बाबत इलाहाबाद उच्च न्यायालय पहुंचकर अपनी याचिका दाखिल करें।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की छूट देते हुए कहा है कि अदालत को लगता है कि इस मुद्दे को हाई कोर्ट सबसे बेहतर तरीके से निपटा सकता है।
अधिवक्ता चांद कुरैशी के माध्यम से शीर्ष अदालत में दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने शीर्ष अदालत के 13 नवंबर 2024 को दिए गए उस फैसले का उल्लंघन किया है, जिसमें अखिल भारतीय दिशा निर्देश तय करते हुए बिना कारण बताओं नोटिस जारी किए किसी भी संपत्ति को ध्वस्त करने पर रोक लगाई थी।
आरोप है कि पीड़ित पक्ष को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था।