विकास दुबे ने कबूला : पुलिसकर्मियों के शव आग के हवाले करने का रचा था षड्यंत्र
कुख्यात विकास दुबे ने क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा के विषय में कहा कि देवेंद्र मिश्रा से मेरी नहीं पटती थी।
लखनऊ । मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर से अरेस्ट हुए उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश विकास दुबे को उत्तर प्रदेश लाने की तैयारी बहुत तीव्रता से हो रही है। इसी बीच अपराधी विकास दुबे का स्वीकारनामा भी सामने आया है।
खबर के मुताबिक पुलिस के समक्ष बदमाश विकास दुबे ने घटनाक्रम को लेकर अपराध का स्वीकारनामा दिया है। इसमें पता चला है कि किस तरह से जघन्य तरीके से क्षेत्राधिकारी और पुलिसकर्मियों का मर्डर किया गया। यह नहीं पुलिसकर्मियों के मृत शरीर को भी आग के हवाले करने का षड्यंत्र रचा गया था ताकि एविडेंस को मिटाया जा सके।
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक अपने स्वीकारनामें में कुख्यात विकास दुबे ने कहा कि कानपुर में घटना को अंजाम देने के बाद उसके घर के नजदीक कुएं के निकट 5 पुलिसकर्मियों के शवों को रखा गया, जिससे उन सभी 5 शवों को जला कर सबूतों को खत्म कर दिया जाए। जलाने के लिये तेल रखा था। परंतु लाशों को एकत्र करने पर उसे वक्त नहीं मिला और वह घटनास्थल से भाग गया।
कुख्यात विकास दुबे ने क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा के विषय में कहा कि देवेंद्र मिश्रा से मेरी नहीं पटती थी। वो मुझे देख लेने की घुड़की दे चुके थे। पहले भी सवाल जवाब हो चुका था। थाना प्रभारी विनय तिवारी ने भी बताया था कि क्षेत्राधिकारी तुम्हारे अगेंस्ट है। इससे मुझे क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा पर क्रोध था। सीओ देवेंद्र मिश्रा को सामने के घर में मारा गया। मैंने नहीं मारा सीओ देवेंद्र मिश्रा को परंतु मेरे साथ वालों ने दूसरी तरफ़ से छलांग लगाकर मामा के घर के आंगन में मारा था। सीओ के पैरों पर वार किया था क्योंकि मुझे मालूम चला था कि वो कहता था कि विकास के एक पैर में गड़बड़ है। दूसरा पैर भी सही कर दूंगा। सीओ का गला नहीं काटा गया था। गोली पास से सटाकर सर में मारी गयी थी, इसीलिये आधा चेहरें की आकृति फट गई थी।