सपा में गए इस प्रत्याशी का यूटर्न बोला- मैं अपनी पार्टी का सिपाही

युसूफ अली चमरौआ विधानसभा सीट से 2012 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे इस सीट पर 2012 में पहली बार चुनाव हुआ था

Update: 2022-01-21 07:17 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव से पहले चल रहा दल बदल का दौर पल पल अपने रंग बदलते हुए नेताओं के दोहरे स्वरूप को सबके सामने उजागर कर रहा है। उम्मीदवार घोषित होने के बावजूद समाजवादी पार्टी का दामन थामकर सुर्खियां बटोरने वाले कांग्रेस के एक्स एमएलए ने सपा मुखिया पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए अब खुद को कांग्रेस का अनुशासित सिपाही बताया है और अपने कृत्य के लिए पार्टी महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा से माफी मांगी है।

दरअसल उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से मजबूती के साथ चुनाव लड़ने के लिए मैदान उतर रही कांग्रेस की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की पहली सूची में उत्तर प्रदेश में रामपुर की चमरौआ विधानसभा सीट से युसूफ अली को अपना उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन यूसुफ अली ने उसी रोज पार्टी को झटका देते हुए राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। पूर्व विधायक के अचानक पाला पाला बदल लेने की वजह से कांग्रेस को असहज होते हुए खासी फजीहत झेलनी पड़ी थी। अब समाजवादी पार्टी में गए पूर्व विधायक युसूफ अली ने एक वीडियो जारी करते हुए अपने इस कृत्य के लिये यूपी प्रभारी एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य पदाधिकारियों से माफी मांगी है और कहा कि वह कांग्रेस के सिपाही थे और हमेशा रहेंगे। दरअसल, उन्हें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुमराह किया था। सपा मुसलमानो को सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखती है और इस वर्ग का भला नहीं कर सकती। मुसलमानो की शुभचिंतक सिर्फ कांग्रेस पार्टी है।

युसूफ अली चमरौआ विधानसभा सीट से 2012 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और विधायक चुने गए थे। इस सीट पर 2012 में पहली बार चुनाव हुआ था। 2017 के चुनाव में शिकस्त मिलने के बाद युसूफ बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। तब कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश महासचिव बनाया था। कांग्रेस ने उन्हे चमरौआ विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया था। कांग्रेस से टिकट मिलने के बावजूद उन्होने सपा का दामन थाम लिया था।



 


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