मर्म चिकित्सा पद्धति से जटिल से जटिल रोगों का भी उपचार सम्भव- दयालु

मर्म चिकित्सा पद्धति सुलभ सस्ती होने के साथ ही इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।

Update: 2022-10-07 16:05 GMT

लखनऊ। मर्म चिकित्सा पद्धति विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है। बहुत सी ऐसी बीमारियॉ हैं जिनका इलाज मर्म चिकित्सा से हो सकता है। मर्म चिकित्सा पद्धति सुलभ सस्ती होने के साथ ही इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।

यह बातें आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र 'दयालु' ने धन्वंतरि जयन्ती के अवसर पर जीवनीय सोसाइटी एवं मृत्युंजय मिशन के तत्वाधान में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीगंज लखनऊ में आयोजित मर्म चिकित्सा जागरूकता अभियान कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि मर्म थिरैपी एक ऐसी पद्धति है जिसमें शरीर में स्थित संवेदनशील बिन्दुओं को दबाने-छोड़ने के माध्यम से रोग ठीक किया जाता है।

दयाशंकर मिश्र 'दयालु' ने कहा कि मर्म चिकित्सा पद्धति से जटिल से जटिल रोगों का भी उपचार सम्भव है। उन्होंने कहा कि सभी के लिए स्वास्थ्य की परिकल्पना मर्म चिकित्सा पद्धति से ही सम्भव है क्योंकि मर्म चिकित्सा पद्धति में होने वाले खर्च न्यूनतम है। शरीर में बहुत से ऐसे संवेदनशील बिन्दु है जहॉ चोट लगने से व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है, परन्तु इन्हीं बिन्दुओं से जटिल/सामान्य रोगों का इलाज सम्भव है। इस पद्धति से पोलियो रोगियों को भी लाभ सम्भव है।

दयाशंकर मिश्र 'दयालु' ने कहा कि इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाकर लोकप्रिय बनाने की जरूरत है। क्योंकि यह प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़ी हुई है। इस प्रणाली का हर व्यक्ति अमीर से गरीब तक उपयोग में ला सकता है।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के वीसी सुनील जोशी ने मर्म चिकित्सा पद्धति के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर आयुर्वेद के चिकित्सक एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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