देवरों के सामूहिक दुष्कर्म की विवाहिता पर गिरी गाज-पत्नी ने दिया तलाक
दुष्कर्मी भाइयों को कुछ कहने के बजाय पति ने थाने जाने की बात कहने पर पीड़िता पत्नी को ही तलाक देने का फरमान सुना दिया है।
बरेली। पति के भाइयों द्वारा किए गए दुष्कर्म की गाज आरोपियों पर गिरने के बजाय उल्टे पीड़िता पर ही गिर गई है। दुष्कर्मी भाइयों को कुछ कहने के बजाय पति ने थाने जाने की बात कहने पर पीड़िता पत्नी को ही तलाक देने का फरमान सुना दिया है।
महानगर के बारादरी थाना पुलिस ने बताया है कि पुराना शहर निवासी पीड़िता का निकाह कुछ साल पहले मोहम्मद माहिर के साथ हुआ था। शादी के बाद से ही उसके पति समेत अन्य परिवारजन महिला के साथ मारपीट करने लगे। परिवार के लोग विवाहिता के मायके पक्ष की ओर से दिए गए दान दहेज से खुश नहीं थे। जिसके चलते उनकी ओर से कार की मांग की जाने लगी। पीड़िता की मां ने कई बार इधर उधर से कुछ रकम इकट्ठा करके बेटी की ससुराल वालों को दी। लेकिन वह उससे भी खुश नहीं हुए। महिला जब गर्भवती हो गई तो ससुराल वालों ने मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया। पीड़िता ने एक बेटी को जन्म दिया। ससुरालियों के साथ रिश्ते कायम करने को लेकर कई बार पंचायतें हुई। समझौता होने पर 1 अगस्त को पीड़िता अपनी ससुराल पहुंची। आरोप है कि इसके 2 दिन बाद ही 3 अगस्त को आरोपी देवर अनस और गौसी ने उसे एक कमरे में बंद कर लिया और दोनों ने उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। इस मामले की शिकायत उसने अपने ससुराल वालों से की तो सास की ओर से उसे मुंह बंद करने को कहा गया। साथ ही पति से तलाक दिलाने की धमकी दी। इसके बाद पीड़िता अपने मायके आ गई और घर आकर अपनी मां और भाई को आपबीती बताई। बेटी की पीड़ा को सुनकर मां ने उसकी ससुराल वालों से शिकायत की और थाने जाने की बात कह दी। पीड़िता के मुताबिक इसके बाद आरोपी पति अपने भाई गौसी, अनस और मां के साथ उसके मायके में घुस आया और उन्होंने उसके साथ मारपीट की और पति ने थाने जाने की बात कहने पर उसे तीन तलाक दे दिया। इस मामले में एडीजी के आदेश पर बारादरी पुलिस की ओर से सात आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करते हुए कार्यवाही शुरू कर दी गई है।