व्यापारियों ने दी चेतावनी- सुधर जाओ, वरना होगा आंदोलन
व्यापारियों ने चेतावनी दी कि यदि विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने अपने व्यवहार में सुधार नहीं किया, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
सहारनपुर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के बैनर तले व्यापारियों ने अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन दिया। व्यापारियों ने कहा कि स्मार्ट मीटर के कारण अधिक रीडिंग आ रही हैं। जब उपभोक्ता बिल को सही कराने जाता है, तो बिल सही करने के बजाय उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। व्यापारियों ने चेतावनी दी कि यदि विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने अपने व्यवहार में सुधार नहीं किया, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल का प्रतिनिधिमंडल जिलाध्यक्ष जयवीर राणा के नेतृत्व में अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल से मिला और समस्याओं से संबंधित ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया गया कि जिनके यहां भी स्मार्ट मीटर लगे हैं, उनका बिल 30 से 40 प्रतिशत अधिक आ रहा है। कोरोना काल में वैसे ही व्यापारियों सहित आम आदमी की कमर टूटी हुई है, ऐसे में अधिक बिल आने से वे खासे परेशान है। उन्होंने कहा कि जब रीडिंग को सही कराने के लिए विद्युत विभाग के कार्यालय जाते हैं, तो वहां उन्हें दुर्व्यवहार का शिकार होना पड़ता है। इससे व्यापारियों में रोष है। बावजूद इसके भी रीडिंग सही नहीं की जाती हैं, जिससे व्यापारियों को मानसिक टेंशन के साथ-साथ आर्थिक बोझ भी उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करना विद्युत विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। न तो बिल ठीक किये जा रहे हैं और न ही कर्मचारियों का व्यवहार सही है।
व्यापारियों ने चेतावनी दी कि विद्युत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का व्यवहार नहीं सुधरा, तो उन्हें आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। व्यापारियों ने कहा कि स्मार्ट मीटर हटाये जायें, केवल वही मीटर लगाये जायें, जो सही रीडिंग देते हैं। अधीक्षण अभियंता ने शीघ्र ही समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन व्यापारियों को दिया। ज्ञापन देने वालों में जिला कोषाध्यक्ष महेश भोला, युवा जिला अध्यक्ष अमित ढींगरा, युवा जिला महामंत्री जोली प्रजापति, जिला उपाध्यक्ष पंकज मदनूकी, जिला उपाध्यक्ष प्रदीप तोमर, सुशील कम्बोज, इदरीश, मनमोहन, आमिर, राजेश, प्रवीण सैनी आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्टः प्रवीण गर्ग