सपा की टोपी पहन पंचायत में शामिल होने वाले वन दरोगा की सेवाएं समाप्त
समाजवादी पार्टी की टोपी पहन कर शामिल होने वाले वन दरोगा के ऊपर आखिरकार कार्यवाही की गाज गिर ही गई है
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी की ओर से आयोजित की गई पंचायत में समाजवादी पार्टी की टोपी पहन कर शामिल होने वाले वन दरोगा के ऊपर आखिरकार कार्यवाही की गाज गिर ही गई है। डीएफओ बागपत की जांच रिपोर्ट के बाद वन संरक्षक मेरठ द्वारा वन दरोगा अजीत भड़ाना की अब सेवाएं समाप्त कर दी गई है।
दरअसल मेरठ के मवाना थाना क्षेत्र के गांव दांदुपुर निवासी अजीत भड़ाना बुलंदशहर जनपद के वन विभाग में बतौर वन संरक्षक तैनात थे। बताया जा रहा है कि हाल ही में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव के दौरान वन दरोगा विभाग से बगैर अवकाश लिए अपने गांव पहुंच गए और उन्होंने क्षेत्र के गांव करीमपुर में समाजवादी पार्टी की ओर से आयोजित की गई पंचायत में शामिल होकर शिरकत की। पंचायत में वन दरोगा की वर्दी उतार कर अजीत भडाना ने 2 विधायकों के ऊपर अपने उत्पीड़न का आरोप लगाया और नौकरी से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।
इंटरनेट मीडिया पर जब इस तमाम मामले की वीडियो वायरल हुई तो विभागीय अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया। डीएफओ विनीता सिंह ने उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया। इस मामले की जांच बागपत में तैनात डीएफओ हेमंत सेठ को सौंपी गई थी।
उनकी रिपोर्ट के आधार पर वन संरक्षक मेरठ ने अब वन दरोगा अजीत भड़ाना की सेवाएं समाप्त कर दी है। वन संरक्षक ने इस बाबत निदेशालय को भी अपनी रिपोर्ट भेज दी है।