भगवाधारी संत के लिए कर दिए ताजमहल के दरवाजे बंद

प्रेम की निशानी बताए जाने वाले ताजमहल में जगतगुरु परमहंसाचार्य ने खुद को रोके जाने का आरोप लगाया है

Update: 2022-04-27 06:17 GMT

आगरा। प्रेम की निशानी बताए जाने वाले ताजमहल में जगतगुरु परमहंसाचार्य ने खुद को रोके जाने का आरोप लगाया है। उधर अफसरों ने सफाई देते हुए कहा है कि जगतगुरु को लोहे का ब्रह्मदंड अंदर ले जाने से मना किया गया था। सोशल मीडिया समेत अन्य प्लेटफार्म पर जगत गुरु परमहंसाचार्य को रोके जाने के संबंध में खासी फजीहत होने और विवाद बढ़ने पर अफसरों ने अब माफी मांग ली है।

अयोध्या की तपस्वी छावनी के जगत गुरु परमहंसाचार्य ताजनगरी आगरा में ताजमहल देखने के लिए पहुंचे थे। आरोप है कि जिस समय संत अपने शिष्यों के साथ टिकट लेकर अंदर प्रवेश करने के लिये गेट पर पहुंचे तो बाहर सुरक्षा में लगे अफसरों ने भगवा पहनने की वजह से संत को भीतर जाने से रोक दिया।

परमहंसाचार्य का कहना है कि वह ताजमहल में दबा हुआ शिवलिंग देखने के लिए पहुंचे थे। अपने शिष्यों के साथ जब वह ताजमहल के भीतर प्रवेश करने लगे तो वहां पर मौजूद सीआईएसएफ के जवानों ने उन्हें बाहर ही रोक दिया और उनके भगवा कपड़ों के साथ-साथ लोहे के ब्रहमदंडको लेकर आपत्ति की गई। बातचीत होने के बाद संतों के टिकट भी ले लिए गए। आरोप है कि जब संत के शिष्य ने उनकी फोटो खींचने का प्रयास किया तो उनसे मोबाइल छीन कर फोटो भी डिलीट करवा दिए गए।

परमहंस आचार्य ने बताया है कि अलीगढ़ के एक भक्त परिवार में एक महिला की तबीयत खराब थी। उन्हे आशीर्वाद देने के लिए वह अयोध्या से चलकर अलीगढ़ तक आए थे। फिर वह अपने तीन शिष्यों के साथ आगरा में ताजमहल देखने के लिए पहुंचे। उनके साथ सरकारी गनर भी मौजूद था।

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