गाजीपुर बॉर्डर पर जमा देश भक्ति का रंग-किसानों ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज
गाजीपुर बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर ध्वजारोहण किया।
गाजियाबाद। राजधानी दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर ध्वजारोहण किया। इस दौरान पूर्व सैनिक भी किसानों के साथ मौजूद रहे और स्वतंत्रता दिवस की एक दूसरे को बधाइयां दी। इस दौरान किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तब तक हम यहीं पर डटे रहेंगे। हालांकि उन्होंने इस मौके पर कहा है कि स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी दिल्ली जाने का किसानों का कोई कार्यक्रम नहीं है।
रविवार को राजधानी दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ धूमधाम के साथ मनाई। इस मौके पर धरना स्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। इसके बाद किसानों ने कतारबद्ध खड़े होकर राष्ट्रीय गान गाया। गाजीपुर बॉर्डर पर रविवार को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से किसान बाइक पर सवार होकर पहुंचे हैं। इस दौरान मौके पर मौजूद रहे पूर्व सैनिकों ने कहा है कि देश की आन बान और शान तिरंगा फहराने के बाद यहां पर कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा है कि किसानों की मांग पूरी होनी चाहिए। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा है कि संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गाजीपुर बॉर्डर पर ही रहने का कार्यक्रम था। लेकिन किसानों ने तय किया है कि इस आंदोलन को गांव में खेत के बीच मनाने पर अतिरिक्त रूप से जोड़ दिया जाएगा। इसलिए राकेश टिकैत उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में खेत में तिरंगा फहराने के लिए गए हुए हैं। गांव में वह किसानों की समस्याएं भी सुनेंगे। इस कार्यक्रम को शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाएगा।