ताजमहल के भीतर मंदिर या मकबरा? हाईकोर्ट में सुनवाई आज
प्रेम की निशानी बताए जाने वाला ताजमहल एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है
आगरा। प्रेम की निशानी बताए जाने वाला ताजमहल एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। राम मंदिर के बाद शिव मंदिर और ताजा विवाद के मामले में ताजमहल अब हाईकोर्ट की चौखट पर पहुंच गया है। भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता की ओर से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल की गई याचिका में दावा किया है कि ताजमहल के भीतर शिव मंदिर या तेजो महादेवालय है।
मंगलवार को ताजमहल के भीतर मंदिर है या मकबरा? इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। इस संबंध में दाखिल की गई याचिका में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता डॉ रजनीश का कहना है कि ताजमहल के भीतर के बंद 22 कमरों को लेकर आज तक सस्पेंस बरकरार है। बंद कमरों को खुलवाकर यह बात पूरी तरह से साफ होनी चाहिए कि ताजमहल एक शिव मंदिर है अथवा मकबरा। अगर ताज पर बंद कमरों के दरवाजे खुलेंगे तो सच्चाई सामने आने के बाद यह विवाद हमेशा के लिए दफन हो जाएगा। याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई होनी है।
परंतु विशेषज्ञों की माने तो ताज महल के 22 कमरों के दरवाजों को खोलना इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि ताज महल के दरवाजे को खोलने में एक नहीं कई अड़चनें हैं। पहली सबसे बडी अडचन वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा रखने वाली इमारत से छेड़छाड़ के लिए करोड़ों रुपए चाहिए।