गन्ना माफियाओं पर कसेगी लगाम फर्जी गन्ना किसानों की सदस्यता होगी समाप्त : भूसरेड्डी

वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 के दौरान बनाये जा रहे सदस्यों का भी शत - प्रतिशत सत्यापन हो जाने के उपरान्त ही उनके सट्टे संचालित किये जायेंगे ।

Update: 2020-08-11 13:50 GMT

लखनऊ उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव एवं आयुक्त , गन्ना एवं चीनी  संजय आर  भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में पेराई सत्र 2019-20 के अन्तर्गत बनाये गये कुल नये सदस्यों के 10 प्रतिशत सदस्यों का सत्यापन विभागीय अधिकारियों द्वारा औचक रूप से किये जाने के निर्देश जारी किये गये थे ।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुये अपर मुख्य सचिव एवं आयुक्त , गन्ना एवं चीनी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में सत्यापन अभियान के दौरान गत पेराई सत्र में नये बने गन्ना कृषक सदस्यों के 10 प्रतिशत सदस्यों का सत्यापन कराया गया । जिसके उपरान्त सहारनपुर , मेरठ , मुरादाबाद , लखनऊ एवं अयोध्या परिक्षेत्रों से प्राप्त सत्यापन रिपोर्ट में गन्ना एवं चीनी मिल समितियों की सदस्यता प्रदान करने में अनियमितताएं प्रकाश में आयीं हैं , वहीं देवीपाटन , देवरिया एवं गोरखपुर परिक्षेत्र में सत्यापन के दौरान अनियमितताएं नहीं मिलीं । इससे यह शंका प्रबल हुई कि जिन परिक्षेत्रों में सत्यापन के दौरान औचक निरीक्षण नहीं किया गया वहां अनियमितताएं नहीं -1 मिली हैं एवं नये बने सदस्यों का औचक सत्यापन भी गुणवत्तापूर्ण एवं प्रमाणिक तरीके से नहीं हो पाया है । इस कारण यह निर्णय लिया गया कि पेराई सत्र 2019-20 के दौरान समस्त गन्ना परिक्षेत्रों में गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के नये बने सभी सदस्यों के अभिलेखों का शत - प्रतिशत सत्यापन कराया जाय । गन्ना आयुक्त ने सभी अधिकारियों / कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि वे राजस्व एवं गन्ना अभिलेखों का 15 दिवस में परीक्षण कर लें तथा यदि अभिलेख सत्यापन करने में कोई त्रुटि हुई है तो उसे सुधार लें । कृषकों से भी अपील की गयी है कि यदि उनके द्वारा गलत अभिलेख प्रस्तुत कर दिये गये हैं तो सही अभिलेख प्रस्तुत कर त्रुटि सुधार करा लें । अन्यथा 15 दिन के बाद वृहद सत्यापन के दौरान यदि कोई त्रुटि पायी गयी तो जिन कृषकों द्वारा फर्जी राजस्व अभिलेख एवं घोषणा - पत्र देकर अधिक गन्ना क्षेत्रफल आदि दर्शाकर अनुचित लाभ लिया गया है , उन कृषकों को उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा -27 के प्रावधानों के अन्तर्गत उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जायेगी तथा संलिप्त अधिकारी / कर्मचारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी । यह भी निर्णय लिया गया है कि वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 के दौरान बनाये जा रहे सदस्यों का भी शत - प्रतिशत सत्यापन हो जाने के उपरान्त ही उनके सट्टे संचालित किये जायेंगे । जिससे गन्ना माफियाओं पर लगाम लगायी जा सके ।

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