रिटायर्ड आईएएस ने रामलला को समर्पित की जिंदगी भर की कमाई
प्रेरित होकर अपनी जिंदगी भर की कमाई प्रभु श्री राम के चरणों में समर्पित करने का ऐलान किया है।
अयोध्या। केंद्र सरकार में गृह सचिव रहे सेवानिवृत अधिकारी एस लक्ष्मी नारायणन ने भगवान विष्णु की आरती की इन पंक्तियों, तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा, से प्रेरित होकर अपनी जिंदगी भर की कमाई प्रभु श्री राम के चरणों में समर्पित करने का ऐलान किया है।
रविवार को केंद्र सरकार में गृह सचिव रहे सेवानिवृत आईएएस अफसर एस लक्ष्मी नारायणन ने अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान राम की प्रतिमा के सामने 5 करोड रुपए की लागत से तैयार 151 किलो की रामचरितमानस स्थापित करने का ऐलान किया है।
श्रीरामलला को समर्पित किये जाने वाले 10902 पद वाले इस महाकाव्य रामचरितमानस का प्रत्येक पन्ना तांबे का बना होगा। इस पन्ने को 24 कैरेट सोने में डुबोया जाएगा। इसके बाद स्वर्ण जडित अक्षर पन्नों पर लिखे जाएंगे। इसमें 140 किलो तांबा और 5 से 7 किलो सोना लगेगा।
रामचरितमानस की सजावट के लिए अन्य धातुओं का इस्तेमाल होगा। इस पुस्तक के लिए रिटायर्ड आईएएस अफसर नारायण ने अपनी सभी संपत्तियों को बेचने एवं बैंक खातों को खाली करने का फैसला किया है।
उनके द्वारा मंदिर को दान दी जाने वाली रामचरितमानस को श्रीरामलला के चरणों के पास रखा जाएगा। पिछले दिनों पत्नी के साथ अयोध्या भ्रमण के लिए आए आईएएस अफसर नारायणन ने राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से इसकी अनुमति भी हासिल कर ली है।