पर्यावरण के संरक्षण एवं धरती के श्रंगार को किया पौधारोपण
पर्यावरण एवं वन विभाग के सहयोग से तकरीबन 5000 पौधों का रोपण करते हुए पर्यावरण संरक्षण का प्रयास किया गया।
हापुड़। वन महोत्सव के मौके पर आनंदा डेयरी की ओर से अपने कर्मचारियों के साथ पर्यावरण एवं वन विभाग के सहयोग से तकरीबन 5000 पौधों का रोपण करते हुए पर्यावरण संरक्षण का प्रयास किया गया। धरती के श्रंगार को विभिन्न प्रजातियों के फल एवं छायादार पौधे रोपित किए गए। इस दौरान आम जनमानस से भी जीवन में कम से कम एक पौधा रोपित करते हुए उसके संरक्षण का आह्वान किया गया।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी डेयरी आनंदा ने इस बार वन महोत्सव को गॉव से शहर तक संकल्पित होकर त्योहार के रूप में मनाया। इस अवसर पर कम्पनी ने अपने कार्यरत क्षेत्र में वृक्षारोपण करके उसमें रक्षा सूत्र बाँधा। आनंदा डेयरी के चेयरमैन राधेश्याम दीक्षित ने अपने समस्त कर्मचारियों को दो-दो पौधे अपने घर में लगाने को कहा और साथ में यह भी कहा कि वृक्षों को लगाने के साथ-साथ उन्हे पालना भी चाहिए। वृक्षों की रक्षा वास्तव में जीवन रक्षा के समान है। वृक्ष हमें प्राण वायु देते हैं तथा हमारे जीवन के आधार हैं। पर्यावरण को हराभरा बनाने में सबकी सहभागिता आवश्यक है। आज की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण की समस्या है। यदि हमें प्रदूषण से होने वाले नुकसान से अपने आपको बचाना है, तो अधिक से अधिक संख्या में पौधो का रोपण, उनका संवर्धन एवं सुरक्षा के कार्य करने होंगे।
यह अत्यंत खुशी का विषय है कि वृक्षों को रक्षासूत्र बांधा जा रहा है। वास्तव में वृक्ष रक्षाबंधन का उद्देश्य है कि हम वृक्षों की रक्षा पूरी निष्ठा के साथ करेंगे तथा अधिक से अधिक पौधे लगाकर उनका संवर्धन करेंगे। हम सब संकल्प लें कि इस वर्षा ऋतु में अधिक से अधिक पौधे का रोपण अवश्य करें। नीम, सागोन,कदम शीशम,नींबू ,अमरूद आदि का वृक्षा रोपण किया।
निसंदेह प्रकृति के अनमोल उपहारों में से ये हरे भरे तथा सुखद छाया और शीतलता प्रदान करने वाले वृक्ष किसके मन में आस्था के अंकुर उत्पन्न नहीं कर देते। अतः प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है, जिनमे वृक्षों का स्थान प्रकृति के उपहारों में से सर्वाेपरि है। वृक्ष मानव के चिरंतर साथी हैं, कभी वो वृक्षों की छाया में बैठकर अपनी थकान मिटाता है, तो कभी इनके मधुर फल खाकर अपनी भूख शांत करता है। तभी तो वृक्षों को मनुष्य का आश्रयदाता माना जाता है। इस धरती पर प्राकृतिक शोभा को बढ़ने वाले ये वृक्ष ही हैं, धरती की गोद में यदि ये हरे भरे वृक्ष न होते तो यह सारी पृथ्वी मरघट के सामान डरावनी और भयानक सी प्रतीत होती।
कम्पनी के डायरेक्टर राहुल दीक्षित ने इस मिशन को गॉव गॉव तक अपनी टीम के माध्यम से किसानों को पौधे वितरण कर हजारों की संख्या में वृक्षरोपण कर वृक्षाबन्धन उत्सव मनाया। उन्होंने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन दाता, वृक्ष प्रकृति की अनमोल धरोहर व पर्यावरण के संरक्षक हैं ।